किसान आन्दोलन का आज 14वां दिन, बातचीत का दौर जारी!

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कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 14वां दिन है। सरकार ने आज कानूनों में बदलाव का प्रस्ताव किसानों को भेज दिया है। लेकिन, किसान कानून रद्द करने की मांग पर अड़े हैं।

 

भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, सरकार के प्रस्ताव पर फैसला लेने के लिए सिंघु बॉर्डर पर किसानों की चर्चा हो रही है।

 

इससे पहले ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मोला ने कहा था कि सरकार अगर संशोधन की बात कर रही है तो, हमारा जवाब साफ है।

 

संशोधन नहीं बल्कि, कानून वापसी का लिखित भरोसा मिलेगा तो ही विचार करेंगे। सरकार की चिट्ठी हमें पॉजिटिव लगेगी तो कल मीटिंग कर सकते हैं।

 

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान पीछे नहीं हटेंगे। यह सम्मान का मुद्दा है। क्या सरकार कानून वापस नहीं लेना चाहती? क्या किसानों पर अत्याचार होगा?

 

अगर सरकार जिद पर अड़ी है तो, किसान भी अपनी बात पर डटे हैं। कानून वापस होने ही चाहिए। सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा के बाद आगे की स्ट्रैटजी तय करेंगे।

 

किसानों आंदोलन के बीच आज मोदी कैबिनेट की मीटिंग हुई। बताया जा रहा है कि कैबिनेट में कृषि कानूनों में बदलाव के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई।

 

 

दोपहर 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी जाएगी। उम्मीद की जा रही है कि किसानों के मुद्दों पर भी जानकारी दी जा सकती है।

 

किसानों की वैसे तो सरकार के साथ आज मीटिंग तय थी, लेकिन गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को अचानक किसानों को मिलने का न्योता भेज दिया।

 

बैठक के लिए पहले 5 किसान नेताओं को बुलाया गया था, बाद में 13 शामिल हुए। कुछ किसानों ने यह कहते हुए विरोध किया कि एक दिन पहले बैठक क्यों और 40 की जगह 13 सदस्य ही क्यों शामिल किए गए? बैठक पहले शाह के घर पर थी, आखिरी समय में जगह बदलकर ICAR गेस्ट हाउस तय कर दी गई।

 

 

ऐसे में 2 किसान मीटिंग में नहीं आ सके और बाकी किसानों ने उनके बिना चर्चा शुरू करने से इनकार कर दिया। इसके बाद पुलिस उन 2 किसानों को एस्कॉर्ट कर रात करीब 9.15 बजे लेकर आई।

 

मीटिंग में शाह ने कई एक्सपर्ट्स बुला रखे थे, जो किसानों को समझा रहे थे कि किस बदलाव का आगे चलकर क्या असर होगा। फिर भी किसान नेता अपनी आपत्तियां दर्ज करा रहे थे, इसलिए बैठक बेनतीजा रही।

 

20 सियासी दल किसानों की मांगों का समर्थन कर रहे हैं। मंगलवार को किसानों के भारत बंद में भी विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया था।

 

विपक्ष के 5 नेता आज शाम 5 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलेंगे। इनमें राहुल गांधी और शरद पवार भी शामिल होंगे।

 

आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली बॉर्डर की तरफ जा रहे लोगों को दिल्ली-अमृतसर हाईवे के एक पेट्रोल पंप पर फ्री डीजल दिया जा रहा है।

 

शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं का कहना है कि पंजाब के ज्यादा से ज्यादा लोग आंदोलन में शामिल हो सकें, इसलिए यह सुविधा दे रहे हैं। इसके लिए स्थानीय युवाओं और अपने NRI दोस्तों की मदद ले रहे हैं।