आतंकी संगठनों के अर्थतंत्र पर वार करने के लिए बने अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का पालन न करने पर ईरान को FATF की ब्लैक लिस्ट में कर दिया है।
न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, अमेरिका में प्रतिबंधों के चलते ईरान पहले से ही अंतरराष्ट्रीय बाजार से दूर हो चुका है। वहीं इस बात का पता चला है कि FATF ब्लैक सूची में बने रहने से उसकी आर्थिक मुश्किलें और बढ़ सकती है।
वहीं यह भी कहा जा रहा है कि एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट में ईरान के अलावा अन्य देश उत्तर कोरिया है। ईरान की यह स्थिति बीते तीन साल से दिए जा रहे दिशानिर्देशों के बाद भी बनी हुई है।
इससे पहले एफएटीएफ ईरान से लगातार अनुरोध करता रहा है कि वह आतंकियों को मिलने वाले धन की रोकथाम के अंतरराष्ट्रीय समझौतों का पालन करे।
सूत्रों कि माने तो ईरान को ब्लैक लिस्ट में बने रहने से बैंकों और आर्थिक संस्थाओं से उसके लेन-देन की और कड़ाई से समीक्षा होगी। ईरान से संबंधित आर्थिक संस्थाओं की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखी जाएगी। ईरान के बैंकों और कारोबारों पर दबाव बढ़ाया जाएगा।
हम बता दें कि इसके पहले पश्चिमी देश से संबंधित एक राजनयिक ने बताया था कि ईरान को ब्लैक लिस्ट में डाले जाने पर सहमति बन चुकी थी और इस आशय का एलान किसी भी समय की जाने वाली है।
वहीं इससे ईरान को आतंकियों के खिलाफ कदम न उठाने के गंभीर दुष्परिणाम भुगतने होंगे। वह कर्ज लेने की क्षमता खो बैठेगा, साथ ही दुनिया के अर्थतंत्र से बाहर होने के कगार पर पहुंच जाएगा।
उल्लेखनीय है कि 2018 में अमेरिका के परमाणु समझौते से बाहर आने के बाद से ईरान की स्थिति निरंतर बिगड़ती जा रही है।