जदयू भाजपा की पहली सहयोगी पार्टी है जिसने खुलेतौर पर एनआरसी का विरोध किया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार कह रही हैं कि वह अपने राज्य में एनआरसी को लागू नहीं होने देंगी। कैब के पास होने के बाद मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इसे संविधान विरोधी कानून बताया था जिसका केरल में कोई स्थान नहीं है। वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का कहना है कि उनकी सरकार राज्य में इसे लागू नहीं होने देगी।
बिहार के मुख्यमंत्री के साथ शनिवार को किशोर की दो घंटे तक चली बैठक के बाद उन्होंने कहा, ‘नीतीश कुमार पार्टी के पहले वाले रुख के साथ हैं कि वह एनआरसी का समर्थन नहीं करेंगे। एनआरसी और कैब खतरनाक हैं। यदि एनआरसी नहीं है तो कैब ठीक है। मुख्यमंत्री का कहना है कि कैब नागरिकता देने के लिए है लेकिन यदि इसे एनआरसी से जोड़ा जाएगा तो यह भेदभावपूर्ण बन जाएगा।’ किशोर लगातार अपने ट्वीट के जरिए कैब और एनआरसी का विरोध कर रहे हैं।
नीतीश प्रशांत किशोर की मुलाकात के बाद जदयू के प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि की है कि पार्टी एनआरसी पर सरकार को समर्थन नहीं करेगी। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में त्यागी ने कहा, पूरी पार्टी एनआरसी को समर्थन न करने के नीतीश कुमार के फैसले के साथ है। हम पहले भी बहुत कुछ कह चुके हैं लेकिन कैब पर हमारे समर्थन से गलतफहमी की स्थिति पैदा हो गई थी। नीतीश और किशोर की मुलाकात के बाद पार्टी का एनआरसी पर रुख साफ हो गया है।