सुप्रीम कोर्ट से आने वाले पांच अहम फैसले, ला सकते हैं बड़े बदलाव!

,

   

अगले दो हफ्तों के दौरान सुनाए जाने वाले पांच महत्वपूर्ण मामलों के फैसले इस देश के लोगों के राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक क्षेत्रों में बड़े बदलाव ला सकते हैं।

17 नवंबर को सेवानिवृत्त होने से पहले श्री न्यायमूर्ति रंजन गोगोई पांच महत्वपूर्ण मामलों में निर्णय सुनाएंगे।

इन खबर डॉट कॉम के अनुसार, इस साल 17 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई रिटायर हो जांएगे, इन बचे हुए दिनों में बहुत ही महत्वपूर्ण मामलों में फैसला सुनाना है।

दिवाली अवकाश के बाद सोमवार से कोर्ट फिर से खुल गया है. देखा जाएं तो मुख्य न्यायधीश के कार्यकाल समाप्त होने में केवल 8 दिन ही शेष है। इन्ही 8 दिनों में उनको 5 सबसे ज्यादा चर्चित और बड़े मामलों में अपना ऐतिहासिक फैसला सुनना है।

जिन मामलों में फैसला सुनाना है, वो हैं- बाबरी मस्जिद- राम जन्मभूमि विवाद, राफेल विमान घोटाले, सबरीमाला मंदिर जैसे मामले शामिल हैं।

जानिए, महत्वपूर्ण मामलें जिस पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश को रिटायरमेंट से पहले फैसलै देना है।

बाबरी मस्जिद- राम जन्मभूमि विवाद
देशभर के लोगों की नजरें सबसे ज्यादा सवेंदनशील राम-जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के फैसले पर लगी हुई है।

यह मामला देश के राजनीतिक, समाजिक और धार्मिक ताने-बाने को प्रभावित कर सकताहै। इस मामले के फैसले से पहले केन्द्र सरकार और राज्य सरकार दोनों गंभीर है।

मुख्य न्यायधीश की अध्यक्षता वाली 5 न्यायधीशों की संविधान पीठ ने इस मामले नें 40 दिन सुनवाई करने के बाद 16 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित अपने पास रख लिया था। इस मामलें की सुनवाई 70 साल से चली आ रही है। 2.77 एकड़ भूमि पर मालिकाना हक की लड़ाई का फैसला इस बार आएगा।

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामलें में 2010 में इलाहाबाद उच्च न्यायलय के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 अपील दायर की गई है, जिसमें से चार सिविल सूट में वितरित की गई है। जिसमें तीन पक्षों के बीच 2.77 एकड़ विवाद में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने समान रूप से विभाजन किया था। यानी सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच बराबर विवादित भूमि का बटवारा उच्च न्यायालय ने किया था।

सबरीमाला मंदिर मामला
देश के मुख्य न्यायधीश एक और 5 न्यायधीशों की संविधान पीठ, शीर्ष अदालत के फैसले की समीक्षी की मांग पर अपना निर्णय सुनाएगी। जिसमें सभी उम्र की महिलाओं को केरल राज्य में स्थित सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने पर करने की अनुमती पर निर्णय होगा। देश के शीर्ष न्यायालय ने 6 फरवरी को 65 याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

राफेल डील पर सकार को क्लीन चिट मामला
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष एक और हाई-वोल्टेज केस पर फैसला आना है। इस विवाद पर भी इसी 8 दिन में निर्णय आना है।

सुप्रीम कोर्ट के 2018 के फैसले को चुनौती देने वाली समीक्षा याचिकाएं हैं, जो मौजूदा मोदी सरकार को फ्रांस से 36 राफेल फाइटर जेट की खरीद पर क्लीन चीट दे रही हैं।

शीर्ष अदालत ने 10 मई को राफेल विवाद की याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसके याचिकार्ता भारत पूर्व केन्द्रीय मंत्री और अरूण शौरी थे। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने राफेल फाइटर जेट के सौदे में कथित भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की जांच की मांग सीबीआई से कराने की मांग की थी।

चीफ़ जस्टिस का कार्यालय RTI अधिनियम के तहत लाने का मामल
देश के सर्वोच्च न्यायालय के महासचिव और दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सर्वोच्चय न्यायलय के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी द्वारा 2010 में दायर अपीलों पर भी फैसले की उम्मीद है।

पांच न्यायाधीशों वाली CJI की अगुवाई वाली संविधान पीठ ने 4 अप्रैल को दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली अपनी रजिस्ट्री द्वारा दायर अपीलों पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

राहुल गांधी द्वारा ‘चोकीदार चोर है’ संबोधित करने का मामला
इस मामले में कोर्ट में केस दायर किया गया था। इस केस का फैसला भी इसी 8 दिन में सुनाया जाना है। इस साल मई में राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट ने बिना शर्त माफी मांग ली थी और साथ ही भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी की याचिका पर उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यनाही बंद करने की गुजारिश की थी।

हालांकि, मुख्य न्यायाधीश ने फैसले को बरकार रखते हुए उसे बंद करने से इंकार कर दिया था। इस महत्वपूर्ण मामले पर फैसला आने की उम्मीद है।