उइगुर मुसलमानों के साथ चीन का रवैया और उनके लिए चलाए जा रहे “सुधार केंद्र” लंबे समय से चर्चा में रहे हैं. अब सामने आया है कि चीन में उइगुर मुसलमानों को जबरन गर्भनिरोधन पर भी मजबूर किया जा रहा है।
समाचार एजेंसी एपी द्वारा की गई छानबीन के अनुसार चीनी सरकार उइगुर मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए कुछ बेहद कठोर कदम उठा रही है।
एपी ने कुछ सरकारी दस्तावेजों और आकड़ों का आकलन किया और तीस ऐसे लोगों से बात की जो “सुधार केंद्र” में वक्त गुजार चुके हैं। इसके अलावा ऐसे एक केंद्र में काम कर चुके एक ट्रेनर और इन कैंपों में भेजे गए कई लोगों के रिश्तेदारों से भी बात की गई।
इस छानबीन के अनुसार पिछले चार सालों में शिनजियांग प्रांत में बहुत व्यवस्थित रूप से अल्पसंख्यकों की आबादी बढ़ने से रोकी जा रही है कु।छ जानकार इसे “जनसांख्यिकी नरसंहार” का नाम भी दे रहे हैं।
शिनजियांग में चल रहे इस जन्म नियंत्रण अभियान पर चीनी सरकार ने कोई प्रतिक्रया तो नहीं दी है लेकिन वह पहले यह जरूर कह चुकी है कि मुसलमानों की बढ़ती आबादी गरीबी और चरमपंथ को बढ़ावा देती है।
इस रिपोर्ट के अनुसार उइगुर महिलाओं का नियमित रूप से प्रेगनेंसी टेस्ट किया जाता है। उन्हें गर्भनिरोधन के लिए तरह तरह की चीजें इस्तेमाल करने पर मजबूर किया जाता है। इतना ही नहीं, लाखों महिलाओं का जबरन गर्भपात भी कराया जा चुका है।
चीन में एक बच्चे की नीति खत्म किए जाने के बाद परिर नियोजन के लिए इस्तेमाल होने वाले आईयूडी जैसे कॉपर टी इत्यादि के इस्तेमाल में भारी गिरावट देखी गई है ले। किन आंकड़े दिखाते हैं कि पिछले कुछ सालों में शिनजियांग में इनका इस्तेमाल और बढ़ गया है।
2014 में अकेले शिनजियांग प्रांत में दो लाख आईयूडी इस्तेमाल किए गए थे। 2018 में यह संख्या 3,30,000 पहुंच गई यानी 60 फीसदी की बढ़ोतरी।
इसी दौरान चीन के बाकी हिस्सों में इनका इस्तेमाल कम हुआ क्योंकि “एक बच्चा नीति” खत्म होने के बाद महिलाएं इन्हें अपने शरीर से निकलवाने लगीं।
इसी दौरान शिनजियांग में नसबंदी के मामलों में भी तेजी से बढ़ोतरी देखी गई। 2016 से 2018 के बीच यहां 60,000 लोगों की नसबंदी की गई।
ज्यादा बच्चे होना यूं भी डिटेंशन सेंटर में भेजे जाने की एक वजह माना जाता है।
एपी ने पाया कि तीन या उससे अधिक बच्चे होने के मामलों में माता पिता को बच्चों से अलग कर सुधार केंद्र में भेज दिया गया. उनके आगे शर्त रखी गई कि या तो वे भारी जुर्माना भरें या परिवार से अलग हो जाएं।
साभार- डी. डब्ल्यू हिन्द