बर्लिन फिल्म फेस्टिवल: भारत की चार फिल्मों पर दुनिया की नज़र!

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जर्मनी की राजधानी बर्लिन में बर्लिन फिल्म फेस्टिवल का 70वां एडिशन आज से शुरू हो गया है। यहां करीब 400 से ज्यादा फिल्में आई हैं। बर्लिन फिल्म फेस्टिवल को पहले अमेरिका के प्रभुत्व वाला फिल्म फेस्टिवल माना जाता था।

 

डी डब्ल्यू हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, दुनिया के सबसे बड़े फिल्म फेस्टिवलों में शामिल बर्लिन फिल्म फेस्टिवल 20 फरवरी को शुरू हो गया।

 

ये बर्लिन फिल्म फेस्टिवल का 70वां संस्करण है। इस बार बर्लिन में व्यवसायिक फिल्मों से ज्यादा फीचर फिल्मों की धूम है। यहां इस साल लगभग 400 फिल्में आई हैं।

 

भारत से चार फिल्में इस फेस्टिवल में शामिल हैं। पिछले साल रणवीर सिंह और आलिया भट्ट स्टारर फिल्म गली बॉय का प्रीमियर बर्लिनाले में हुआ था। हालांकि इस बार भारत से कोई बड़ा चेहरा बर्लिन नहीं आ रहा है।

 

बर्लिन का बंटवारा होने के बाद जर्मनी की फिल्म इंडस्ट्री भी बंट गई थी। 1950 में जर्मनी में तैनात अमेरिकी फिल्म अधिकारी ऑस्कर मार्टे ने बर्लिन फिल्म फेस्टिवल के आयोजन का प्रस्ताव रखा।

 

पश्चिमी जर्मनी की सरकार और फिल्म जगत को यह आइडिया पसंद आया। तब तय हुआ कि इसे एक समर फेस्ट के तौर पर मनाया जाएगा। इसलिए जून 1951 में पहली बार बर्लिन फिल्म महोत्सव की शुरुआत हुई।

 

बर्लिनाले में बेस्ट फिल्म के लिए गोल्डन बेयर अवॉर्ड दिया जाता है. वहीं बेस्ट एक्टिंग, राइटिंग और प्रॉडक्शन के लिए सिल्वर बेयर पुरस्कार दिया जाता है। एक अंतरराष्ट्रीय ज्यूरी इस अवॉर्ड को तय करती है। 2002 में भारत की मीरा नायर इस ज्यूरी की प्रमुख रही थीं।

 

1978 में इस फेस्टिवल को समर फेस्ट की जगह विंटर फेस्ट बना दिया गया और इसे फरवरी में आयोजित करना शुरू किया गया। बर्लिनाले पर पहले अमेरिकी प्रभुत्व होने के आरोप लगते रहे हैंं। बर्लिनाले फिल्मी सितारों और फिल्म स्क्रीनिंग के अलावा फिल्मी मार्केट के लिए भी एक बड़ी जगह है।

 

यहां 50 से भी ज्यादा देश अपना फिल्म मार्केट लगाते हैं और दूसरे देशों से आने वाले फिल्ममेकरों को अपने देश आने का निमंत्रण देते हैं।

 

साभार- डी डब्ल्यू हििन्दी