क्या फ्रांस और जर्मनी ईरान पर दबाव बना रहा है?

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जर्मनी और फ़्रांस ने ईरानी अधिकारियों से ब्रिटेन के तेल टैंकर को स्वतंत्र करने का अनुरोध किया है। समुद्री चोरी के विषय को अनेदखा करते हुए जर्मनी और फ़्रांस ने ईरान के हाथों पकड़े गए ब्रिटेन के तेल टैंकर को स्वतंत्र करने की मांग की है।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, फ़्रांस प्रेस के अनुसार फ़्रांस के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान जारी करके ईरानी अधिकारियों से अनुरोध किया है कि वे ब्रिटेन के उस तेल टैंकर को स्वतंत्र कर दें जिसे शुक्रवार को पकड़ लिया गया था।

जर्मनी की सरकार ने भी ब्रिटेन का समर्थन करते हुए इस देश के तेल टैंकर को ईरान से स्वतंत्र करने की मांग की है। ब्रिटेन के विदेशमंत्री जेरमी हंट ने अपने ताज़ा बयान में अपने देश के एक तेल टैंकर के ईरान द्वारा रोके जाने पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि जिब्राल्टर स्ट्रेट में ईरान के रोके गए तेल टैंकर के मामले को हल कराने के लिए कोई उपाय ढूंढेंगे कहा कि मैं ब्रिटेन के तेल टैंकर की सुरक्षा को लेकर सुनिश्चित होना चाहता हूं।

रूस के एक अधिकारी सरगेई फ़ीशोफ ने कहा है कि ईरान के साथ माॅस्को के मैत्रीपूर्ण संबन्धों के दृष्टिगत हम आशा करते हैं कि हुरमुज़ स्ट्रैट में रोके गए तले टैंकर पर सवार रूसी नाविकों को शीघ्र स्वतंत्र करा दिया जाएगा।

ब्रिटेन के तेल टैंकर को तीन नियमों का उल्लंघन करने की वजह से रोका गया है। पहली बात तो यह है कि ब्रिटेन के इस आयल टैंकर ने हुरमुज़ स्ट्रेट में ग़लत रास्ते से गुज़रने की कोशिश की, दूसरी बात यह कि उसने पोज़ीशन बताने वाले यंत्रों को बंद कर दिया और तीसरे यह कि ईरान की ओर से दी जाने वाली चेतावनियों को उसने पूरी तरह से नज़रअंदाज़ किया।

ज्ञात रहे कि ईरान की इस्लामी क्रांति संरक्षक फ़ोर्स आईआरजीसी के जनसंपर्क विभाग ने एक विज्ञप्ति में घोषणा की है कि शुक्रवार 19 जुलाई की शाम ब्रिटेन के “स्टेना इम्पेरो” नाम के आयल टैंकर को हुरमुज़ स्ट्रेट से गुज़रते समय रोक लिया गया है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि अंतर्राष्ट्रीय समुद्री क़ानूनी और नियमों का पालन न करने के कारण ब्रिटेन के तेल टैंकर को रोका गया है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि तेल टैंकर को रोक कर तट पर लाया गया है और क़ानूनी प्रक्रियाएं पूरी करने तथा ज़रूरी जांच के लिए संबंधित विभाग के हवाले कर दिया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि कुछ सप्ताह पूर्व ब्रिटिश नौसेना ने जिब्राल्टर स्ट्रेट में ईरान का ग्रीस-1 नामक आयल टैंकर रोक लिया था जिसपर ईरान ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा था कि ब्रिटेन ने समुद्री डकैती जैसी हरकत की है और इसका जवाब ज़रूर दिया जाएगा।