ग्रेटर हैदराबाद मेयर पद के लिए टीआरएस की विजयालक्ष्मी चुनी गई!

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ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए ऑल इंडिया मजलिस‑ए‑इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को समर्थन दे दिया।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, इसके बाद, ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के महापौर और उप महापौर पद पर टीआरएस की महिला टीम का कब्जा हो गया।

ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के लिए गुरुवार को टीआरएस की गड़वाल विजयालक्ष्मी को महापौर चुना गया।

तेलंगाना राष्ट्र समिति से आने वाली गड़वाल विजयालक्ष्मी वार्ड नंबर 93 से चुनकर सदन में पहुंची हैं। महापौर का चुनाव ध्वनिमत से हुआ, गड़वाल विजयालक्ष्मी ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम की 17वीं महापौर बनेंगी।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की ओर से रणनीतिक तौर पर समर्थन मिलने के बाद तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की गड]वाल विजयालक्ष्मी को गुरुवार को ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम का महापौर चुना गया है।

जीएचएमसी के बंजारा हिल्स डिविजन का प्रतिनिधित्व करने वाली विजयालक्ष्मी टीआरएस नेता केशव राव की बेटी हैं। उन्होंने भाजपा की उम्मीदवार और आरकेपुरम डिविजन से कॉरपोरेटर राधा धीरज रेड्डी को मात दी है।

विजयालक्ष्मी साल 2014 में तेलंगाना के गठन के बाद ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) की पहली महिला मेयर हैं और 2009 में जीएचएमसी के गठन के बाद कुर्सी पर कब्जा जमाने वाली दूसरी महिला हैं।

पहली कांग्रेस की बांदा कार्तिका रेड्डी हैं। वहीं, तरनाका डिविजन के एक और टीआरएस कॉरपोरेटर मोहित श्रीलता रेड्डी को जीएचएमसी का उप महापौर चुना गया। उन्होंने भाजपा के शंकर यादव को हराया।टीआरएस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने विजयलक्ष्मी और श्रीलता नामों को सीलबंद लिफाफे में पार्टी को भेज दिया।

टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव ने जीएचएमसी परिसर में नवनिर्वाचित नामों की घोषणा की। पहले मेयर पद के लिए सबसे आगे चलने वालीं खैरताबाद से टीआरएस की कॉरपोरेटर पी विजयालक्ष्मी विरोध में बैठक से बाहर चली गईं। उन्होंने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।

जीएचएमसी के चुनाव एक दिसंबर को हुए थे, जिसमें भाजपा और टीआरएस के बीच काफी करीबी मुकाबला देखा गया था। टीआरएस ने 150 सदस्यों वाले जीएचएमसी काउंसिल में से सिर्फ 56 सीटें जीती थीं।

पार्टी बहुमत के आंकड़े से 20 सीटें पीछे रह गई थी। वहीं, भाजपा दूसरे नंबर पर रही थी और उसे 48 सीटें मिलीं। उसके एक कॉरपोरेटर की पिछले महीने कोरोना वायरस के चलते मौत हो गई।

एआईएमआईएम को 44 सीटें मिलीं। पिछले चुनाव में भी उसे इतनी ही सीटें मिली थीं। कांग्रेस सिर्फ दो सीटें ही जीत सकी थी।