देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक बार फिर अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। मनमोहन ने आज सकल घरेलू उत्पाद यानी GDP के आंकड़े जारी होने के बाद कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था गहरी चिंताजनक स्थिति में है।
Reacting to the #GDP growth rate for the July-September quarter at 4.5%, a six-year low, former PM Manmohan Singh said the figures were “completely unacceptable”, and pointed to a “palpable climate of fear” leading to this state of the #economy. https://t.co/w9mFnTWzgS
— The Hindu (@the_hindu) November 30, 2019
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, जीडीपी के आंकड़े 4.5 फीसदी तक कम हैं। यह साफ तौर पर अस्वीकार्य है। हमारे देश की आकांक्षा 8-9 फीसदी की दर से बढऩा है। पहली तिमाही से दूसरी में जीडीपी का इतना गिरना चिंताजनक है।
आर्थिक नीतियों में छोटे-मोटे बदलावों से अर्थव्यवस्था में फिर से जान फूंकने में मदद नहीं मिलेगी।
Former Prime Minister Dr Manmohan Singh: The state of our economy is deeply worrying but I will argue how the state of our society is even more worrisome. pic.twitter.com/iuW67Ux4yB
— ANI (@ANI) November 29, 2019
हमें मौजूदा माहौल को बदलकर अर्थव्यवस्था के लिए 8 फीसदी सालाना की दर से विकसित करने की जरूरत है। अर्थव्यवस्था की स्थिति समाज की स्थिति का प्रतिबिंब है। विश्वास और विश्वास का हमारा सामाजिक ताना-बाना अब ध्वस्त हो गया है।
इस बीच कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी सरकार पर हमला बोला।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भारत की जीडीपी गिरकर 4.5 फीसदी हो गई है। यह पिछले छह वर्षों में किसी भी तिमाही में सबसे कम जीडीपी दर है। भाजपा जश्न क्यों मना रही है? क्योंकि जीडीपी के बारे में उनकी समझ ‘गोडसे डिवाइसिव पॉलिटिक्स’ है जो उन्हें दोहरे अंक में विकास दर का अहसास कराता है।
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव प्रमोद कुमार मिश्रा ने शुक्रवार को कहा कि सरकार 2024 तक देश को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने की राह पर है।
मिश्रा ने कहा, हमारे प्रधानमंत्री के न्यू इंडिया के दृष्टिकोण के मद्देनजर बेशुमार पहल की जा रही है! खास तौर से आर्थिक मोर्चे पर उन्होंने 2024 तक पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है। यह एक महत्वाकांक्षी आकांक्षा है, हम उस राह पर हैं और उसे पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
वे संबलपुर में संबलपुर विश्वविद्यालय के 30वें दीक्षांत को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, 2014 से 2019 की अवधि के दौरान, हमारी वार्षिक औसत जीडीपी विकास दर 7.5 फीसदी थी, जो आजादी के बाद सबसे अधिक थी।
यह जी20 देशों में भी सबसे अधिक थी। मिश्रा ने कहा कि बीते पांच सालों के दौरान मैक्रोइकोनॉमिक स्थिरता के आधार पर ही विभिन्न सुधार किए गए हैं।
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