चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी दर में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है- RBI

,

   

रिजर्व बैंक की नव-गठित मौद्रिक नीति समिति की बैठक में नीतिगत दरों को 4 फीसदी पर बरकरार रखा गया। 

 

प्रभात खबर पर छपी खबर के अनुसार, यह जानकारी देते हुए रिजर्व बैंक केक गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हम आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिए उदार रुख बनाये रखेगा। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक तंत्र में संतोषजनक तरलता की स्थिति बनाये रखेगा।

 

अगले सप्ताह खुले बाजार परिचालन के तहत 20,000 करोड़ रुपये जारी किये जायेंगे। दास ने कहा कि मुद्रास्फीति में आया मौजूदा उभार अस्थाई है। कृषि परिदृश्य उज्जवल दिख रहा है।

 

कच्चा तेल की कीमतें दायरे में रहने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि तुरंत कोष अंतरण के लिए आरटीजीएस व्यवस्था दिसंबर से 24 घंटे काम करेगी।

 

जीडीपी पर उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी दर में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारतीय अर्थव्यवस्था निर्णायक चरण में प्रवेश कर रही है।

 

अर्थव्यवस्था में पहली तिमाही में आई गिरावट पीछे छूट चुकी है, स्थिति में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं।

 

दास ने कहा कि अंकुश लगाने के बजाय अब अर्थव्यवस्था को उबारने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक मुद्रास्फीति के तय लक्ष्य के दायरे में आ जाने का अनुमान है।

 

जीडीपी चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक संकुचन के रास्ते से हटकर फिर से वृद्धि के रास्ते पर आ सकती है. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष की पहली छमाही के धीमे सुधार को दूसरी छमाही में गति मिल सकती है। तीसरी तिमाही से आर्थिक गतिविधियां बढ़ने लगेंगी।

 

दास ने कहा, ‘नीतिगत दर रेपो को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा जा रहा है. रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर बनी रहेगी।

 

उन्होंने कहा कि पहली छमाही में जो पुनरूद्धार देखने को मिला है, वह दूसरी छमाही में और मजबूत होगा। तीसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियां तेज होने की उम्मीद है।

 

दास ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट पर विराम लगेगा और वृद्धि दर चौथी तिमाही में यह सकारात्मक दायरे में पहुंच जायेगी।