तुर्की को नाटो से बाहर कर दिया जाना चाहिए- सर्वे

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एक सर्वे के मुताबिक ज्यादातर जर्मन लोग चाहते हैं कि तुर्की को नाटो से बाहर कर दिया जाना चाहिए.

https://twitter.com/marceldirsus/status/1189114753886625792?s=19

पश्चिमी सैन्य संगठन नाटो में तुर्की अकेला मुस्लिम बहुल देश है। हाल में सीरिया में तुर्की ने जो कुछ किया है, उससे लोग खफा है।

सर्वे कराने वाली संस्था यूगोव के मुताबिक सर्वे में लगभग दो हजार जर्मन लोगों ने हिस्सा लिया. जर्मन समााचार एजेंसी डीपीए के लिए किए गए इस सर्वे में शामिल 58 प्रतिशत लोगों ने तुर्की को नाटो से निकालने की वकालत की है और वे उसके खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों के साथ साथ निर्यात रोकने तक का समर्थन कर रहे हैं.

डी डब्ल्यू हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, यह सर्वे उत्तरी सीरिया में तुर्की की सैन्य कार्रवाई के बाद किया गया। सर्वे में शामिल सिर्फ 18 प्रतिशत लोगों ने तुर्की को नाटो में बनाए रखना का समर्थन किया।

सर्वे में शामिल बहुत से लोग चाहते हैं कि जर्मन सरकार तुर्की के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए। 61 प्रतिशत लोगों ने तुर्की के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध लगाने की हिमायत की तो 69 प्रतिशत तुर्की को होने वाला निर्यात रोक देने की बात कर रहे हैं।

सीरिया में नौ अक्टूबर को तुर्की की सैन्य कार्रवाई शुरू होने के बाद से जर्मनी ने उसे होने वाली हथियारों की बिक्री को सीमित कर दिया है। लेकिन अभी तक तुर्की को हथियार बेचने पर पूरी तरह पाबंदी नहीं लगाई गई है, जैसा कि पहले जर्मन चांसलर ने कहा था।

नाटो में यूरोप और उत्तरी अमेरिका के 29 देश शामिल हैं. नाटो के स्थापना घोषणापत्र में किसी भी सदस्य को गठबंधन छोड़ने की अनुमति तो है, लेकिन ऐसी कोई स्पष्ट व्यवस्था नहीं है कि दूसरे सदस्य किसी एक सदस्य को बाहर का रास्ता दिखा सकें।

किसी सदस्य को नाटो गठबंधन से निकालना बहुत ही जटिल और लंबी प्रक्रिया है, जिस पर सभी सदस्यों की मंजूरी हासिल करनी होगी।

जर्मनी में वामपंथी पार्टी के बहुत से नेता तुर्की को नाटो से निकालने की अपील करते हैं। मध्यमार्गी वामपंथी पार्टी एसपीडी के कार्यवाहक चेयरमैन रोल्फ म्युत्सेनिश भी तुर्की की नाटो सदस्यता पर सवाल उठा चुके हैं।