पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को गिलगित-बाल्टिस्तान को अंतरिम प्रांत का दर्जा देने का ऐलान किया है।
उन्होंने गिलगित में एक रैली को संबोधित करते हुए पाकिस्तान सरकार के फैसले की घोषणा की।
आज तक पर छपी खबर के अनुसार, इमरान ने कहा कि किसी भी देश की संप्रभुता और एकजुटता को बनाए रखने के लिए आर्मी का मजबूत होना बेहद जरूरी है।
…by virtue of the legal, complete and irrevocable accession of Jammu and Kashmir to the Union of India in 1947. The Government of Pakistan has no locus standi on territories illegally and forcibly occupied by it: Anurag Srivastava, MEA Spokesperson
— ANI (@ANI) November 1, 2020
माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने विपक्षी मोर्चे पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के हमले के बाद अपनी सरकार के बचाव में यह घोषणा की है।
दरअसल कुल 11 सियासी दलों ने सितंबर 2020 में लोकतंत्र बहाली की मांग के साथ पीडीपी नाम से एक मोर्चे का गठन किया है और यह इमरान सरकार पर हमलावर है।
इमरान सरकार ने अभी कुछ दिनों पहले ही इस इलाके में चुनाव कराने की घोषणा की थी। हालांकि भारत ने इस घोषणा के खिलाफ अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी।
विदेश मंत्रालय ने नवंबर महीने में होने वाले चुनाव को लेकर कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके में चुनाव कराकर पाकिस्तान भारत के हिस्से पर अवैध कब्जा नहीं कर सकता है।
चुनाव करवाने का फैसला वहां के लोगों के लिए सीधे-सीधे मानवाधिकार उल्लंघन और शोषण का गंभीर मामला है।
विदेश मंत्रालय की तरफ से दिए गए बयान में कहा गया है कि हमें रिपोर्ट मिली है कि गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके में 15 नवंबर 2020 को विधानसभा चुनाव करवाए जा रहे हैं।
भारत सरकार ने पाकिस्तान के समक्ष अपनी कड़ी आपत्ति जाहिर की है। हमने पाकिस्तान सरकार के सामने अपनी बात दोहराते हुए कहा है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से जुड़ा पूरा इलाका भारत का है।
इसी के तहत गिलगित-बाल्टिस्तान प्रांत भी भारत के हिस्से में आता है। इसलिए पाकिस्तान को भारत के इस क्षेत्र पर अवैध और बलपूर्वक कब्जा करने का कोई अधिकार नहीं है।
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, ‘भारत सरकार ने भी पाकिस्तान के सभी एक्शन को सिरे से खारिज किया है। जिसमें गिलगित-बाल्टिस्तान अमेंडमेंट ऑर्डर 2020 लाया गया है और भारत के इलाके में बलपूर्वक कब्जा करने और वहां का स्टेटस चेंज करने की कोशिश की है।
पाकिस्तान द्वारा की जा रही इन हरकतों से वो भारतीय क्षेत्रों पर कब्जे के कुकृत्य को नहीं छुपा सकते और ना ही वहां रह रहे लोगों के मानवाधिकार का उल्लंघन कर सकते हैं।
हमलोग पाकिस्तान से मांग करते हैं कि वो जल्द से जल्द भारत के हिस्से वाला इलाके को छोड़े, जिसपर उन्होंने अवैध कब्जा कर रखा है।
साभार- आज तक