बंगलुरू में कश्मीर मुक्ती और दलित मुक्ती पोस्टर दिखाने वाली लड़की को पुलिस ने हिरासत में लिया!

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कर्नाटक में दो दिन के भीतर भारत विरोधी दो घटनाएं सामने आई हैं। गुरुवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ रैली में पाकिस्तान के समर्थन में नारा लगाने वाली लड़की को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

 

 

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, कश्मीर की आजादी का पोस्टर लहराने वाली एक अन्य लड़की को हिरासत में ले लिया गया है।

 

बेंगलुरु में शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान ‘कश्मीर मुक्ति’, ‘दलित मुक्ति’ पोस्टर थामे 20 वर्षीय लड़की को हिरासत में लिया गया है।

 

शहर के पुलिस प्रमुख भास्कर राव ने बताया कि इससे एक दिन पहले बेंगलुरु में ही सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान एक महिला ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे, जिसके खिलाफ शुक्रवार को हिंदू जागरण वेदिके ने प्रदर्शन आयोजित किया था।

 

इसी दौरान ‘कश्मीर मुक्ति’, ‘दलित मुक्ति’ नारे लिखे पोस्टर हाथ में थामे प्रदर्शनकारियों के बीच बैठी लड़की दिखाई दी।

 

राव ने कहा कि वेदिके के सदस्यों ने लड़की को वहां से चले जाने को कहा, जिसके बाद उसे वहां से हटा दिया गया। राव ने मीडिया से कहा कि लड़की की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उसे हिरासत में ले लिया गया है। हम उसके बारे में जानकारी जुटाएंगे, कि वह कहां रहती है और उसके पीछे कौन है।

 

बता दें कि अमूल्या लियोना ने अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की मौजूदगी में सीएए विरोधी रैली के मंच से गुरुवार को पाकिस्तान के समर्थन में तीन बार नारे लगाए थे। उसे तुरंत मंच से हटा दिया गया।

 

बेंगलुरु (पश्चिमी) के डीसीपी बी. रमेश ने बताया कि अमूल्या को गिरफ्तार कर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। 19 साल की अमूल्या के खिलाफ आइपीसी की धारा 124ए (देशद्रोह) समेत अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

 

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि अमूल्या के पहले नक्सलियों से संबंध रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमूल्या जैसे लोगों को आगे बढ़ाने वाले संगठनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी।

 

इस घटना से साफ है कि कानून व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने की बड़े स्तर पर साजिश चल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी और रैली के आयोजकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई- फेडरेशन ने रैली का आयोजन किया था।

 

कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने शुक्रवार को कहा कि सीएए का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारी देश में नफरत फैलाने के लिए छात्रों का इस्तेमाल कर रहे हैं। नक्सलियों के गढ़ से आने वाली अमूल्या का भी प्रदर्शनकारियों ने इस्तेमाल किया है। इस मामले की जांच कराई जाएगी।

 

अमूल्या की उम्र 19 साल है। वह बेंगलुरु की एक महिला कॉलेज में पढ़ाई कर रही है। उसने सेंट नॉरबेट सीबीएसई स्कूल और मणिपाल के क्राइस्ट स्कूल से पढ़ाई की है। अमूल्या लियोना सोशल मीडिया पर सक्रिय रहती है।

 

बोम्मई ने भी कहा कि उसने सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर बहुत सारी पोस्ट शेयर की है। इस ऐंगल से भी मामले की जांच कराई जाएगी।