पश्चिम बंगाल में पीएम मोदी का विरोध, गो बैक के लगे नारे!

   

पीएम नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय के दौरे पर शनिवार को कोलकाता पहुंच गए हैं। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और कोलकाता के मेयर और बंगाल के शहरी विकास और नगरपालिका मामलों के मंत्री फिरहाद खान ने पीएम मोदी का एयरपोर्ट पर स्वागत किया।

इसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजभवन में पीएम मोदी से मुलाकात की।

न्यूज़ स्टेट, पर छपी खबर के अनुसार, नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री से बात करते हुए मैंने उनसे कहा कि हम सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ हैं।

हम चाहते हैं कि सीएए और एनआरसी को वापस लिया जाए। साथ ही उन्होंने केंद्र से फंड की भी मांग की है।

पीएम नरेंद्र मोदी कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के 150वीं सालगिरह के जश्न और कई कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। साथ ही पुनर्निर्मित की गईं चार ऐतिहासिक इमारतों को भी राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा।

वहीं, नागरिकता संशोधन कानून  के चलते छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने पीएम मोदी के कोलकाता दौरे का विरोध किया है। प्रदर्शनकारियों ने गो बैक मोदी के नारे लगाए।

 

पश्चिम बंगाल में पीएम नरेंद्र मोदी के निर्धारित दौरे के खिलाफ सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने कोलकाता हवाई अड्डे के बाहर और राज्य के विभिन्न हिस्सों में शनिवार को प्रदर्शन किया।

युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता कोलकाता हवाई अड्डे के बाहर एकत्र हुए और मोदी के खिलाफ नारेबाजी की तथा मांग की कि उन्हें शहर में उतरने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।

एसएफआई के कार्यकर्ता यादवपुर विश्वविद्यालय, गोलपार्क, कॉलेज स्ट्रीट, हातीबगान और एस्प्लेनेड के पास हाथों में पोस्टर लेकर जमा हुए जिन पर फासीवाद के खिलाफ छात्र जैसे नारे लिखे हुए थे।

एसएफआई नेता देबराज देबनाथ ने कहा कि हम प्रधानमंत्री के दौरे का विरोध करते हैं जो भेदभाव से भरे संशोधित नागरिकता कानून, राष्ट्रीय नागरिक पंजी और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में भगवा ताकतों द्वारा किए गए हमले के पीछे हैं।

उन्होंने कहा कि हम मोदी, अमित शाह और अन्य भाजपा नेताओं के दौरे के खिलाफ हैं जो बंगाल के लोगों को विभाजित कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दौरे से पहले ट्वीट किया कि मैं आज और कल पश्चिम बंगाल में रहने को लेकर उत्साहित हूं।

मैं रामकृष्ण मिशन में समय बिताने को लेकर खुश हूं और वह भी तब जब हम स्वामी विवेकानंद की जयंती मना रहे हैंं। उस स्थान के बारे में एक विशेष स्थान भी है।

उन्होंने आगे लिखा कि फिर भी वहां कुछ कमी होगी. आदरणीय स्वामी आत्मस्थानंदजी वहां नहीं होंगे। मुझे जन सेवा को प्रभु सेवा का सिद्धांत उन्होंने सिखाया थाा। रामकृष्ण मिशन में उनकी अनुपस्थिति अकल्पनीय है।