सरकार का दावत हमारे जख्मों पर नमक है- कश्मीर छात्र नेता

   

कश्मीरी छात्रों के विरोध के कारण भारत सरकार के संपर्क अधिकारी द्वारा ईद उल जुहा (बकरीद) पर दी जा रहे दावत (लंच) को रद्द कर दिया गया। इस दावत के लिए जम्मू कश्मीर के राज्यपाल ने एक लाख रुपये स्वीकृत किए थे।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, अनुच्छेद 370 एवं 35ए के खात्मे के बाद जम्मू कश्मीर में कर्फ्यू लगा हुआ है। पिछले सात दिन से इंटरनेट, फोन एवं संचार सेवाएं ठप हैं। इसकी वजह से यहां पढ़ने वाले छात्रों को अपने परिजनों से संपर्क नहीं हो रहा है।

मौजूदा हालात के कारण ईद में छात्र अपने घर नहीं जा सके। 370 व 35 ए खत्म करने के फैसले से भी छात्रों में आक्रोश है। घर एवं परिवार से दूर एएमयू में रह रहे छात्रों को ईद की दावत (लंच) देने के लिए वहां के राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा एक लाख रुपये स्वीकृत किए गए थे।

भारत सरकार के संपर्क अधिकारी (लायसन ऑफिस) संजय पंडिता लंच की तैयारी कर चुके थे। सोमवार को एएमयू के न्यू गेस्ट हाउस नंबर 1 में 1:30 बजे से दावत होनी थी, लेकिन छात्रों के विरोध के कारण रविवार रात्रि में ही लंच का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया और गेस्ट हाउस के कर्मचारियों को सूचना दे दी गई। अधिकारियों का कहना है कि सोमवार सुबह संपर्क अधिकारी संजय पंडिता दिल्ली रवाना हो गए।

कश्मीर के छात्र नेता जुबैर अलताफ ने बताया कि यह दावत हमारे जख्मों पर नमक छिड़कने के समान थी। इसलिए छात्रों ने उसका बहिष्कार किया था। एएमयू प्रवक्ता प्रो. शाफे किदवई ने बताया कि उस दावत से एएमयू का कोई संबंध नहीं था।

छात्रों की नाराजगी भारत सरकार से है। उल्लेखनीय है कि पिछले सत्र में एएमयू में करीब 995 कश्मीरी छात्र थे। अभी नामांकन प्रक्रिया जारी है। ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद करीब 70 प्रतिशत छात्र घर से वापस नहीं आए हैं। ईद के बाद उनके यहां आने की उम्मीद है। मौजूदा समय में एएमयू में करीब 250 से 300 कश्मीरी छात्र विभिन्न हॉलों में हैं।