H1B वीज़ा बैन: 5 लाख से ज्यादा नौकरी पर खतरा!

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अपने देश के नागरिकों में लगातार बढ़ रही बेरोजगारी को देखते हुए ट्रंप प्रशासन ने बाहर के लोगों को जॉब के लिए मिलने वाले वीजाओं को अस्थाई रूप से निलंबित करने का फैसला लिया है।

 

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, जिन वीजाओं को निलंबित करने का फैसला लिया गया है, उनमें H-1B और L1 वीजा भी शामिल है।

 

इन वीजाओं से भारतीय आईटी पेशेवरों को बहुत फायदा होता था। अमेरिका के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि इस फैसले से यूएस में 5,25,000 पद खाली होने की उम्मीद है।

 

अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक कॉन्फ्रेंस कॉल के दौरान संवाददाताओं से कहा, ‘इस फैसले से कुल 5,25,000 नौकरियां खाली होंगी।’

 

अधिकारी ने कहा, ‘यह एक महत्वपूर्ण संख्या है। कोरोना वायरस महामारी ने हमारी अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचाया है और अब राष्ट्रपति ट्रंप जल्द से जल्द अमेरिकी नागरिकों को नौकरियां उपलब्ध करवाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’

 

 

राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार को एच-1बी, एच-4, एच-2बी, जे और एल वीजा सहित कई गैर-अप्रवासी वीजाओं को चालू वर्ष के अंत तक अस्थाई रूप से निलंबित करने की घोषणा की थी।

 

व्हाइट हाउस ने बाद में कहा कि यह घोषणा ट्रंप के ‘अमरिका फर्स्ट रिकवरी’ प्रयास का हिस्सा है। ट्रंप नौकरियों में अमेरिकी श्रमिकों को प्राथमिकता देना चाहते हैं और देश को जल्द से जल्द कोरोना वायरस के प्रभाव से उबारना चाहते हैं।’

 

 

अमेरिकी प्रशासन के इस फैसले का बड़ा प्रभाव भारत पर पड़ने वाला है। भारतीय पेशेवरों को अब स्टैम्पिंग से पहले कम से कम साल के अंत तक इंतजार करना होगा। वहीं, वीजा रिन्यू कराने वालों को अब साल भर का इंतजार करना होगा।

 

हालांकि, ट्रंप प्रशासन के इस कदम की अप्रवासियों के लिए काम कर रहे मानवाधिकार समुदाय ने कड़ी आलोचना की है।

 

वहीं, अमेरिकी आव्रजन वकील एसोसिएशन ने ट्रंप प्रशासन के वीजा संबंधित इस फैसले पर चिंता जताते हुए कहा कि वीजाओं पर प्रतिबंध लगने से अमेरिका के एंप्लायर्स समेत परिवारों, यूनिवर्सिटी, अस्पतालों, समुदायों के साथ-साथ अमेरिका की आर्थिक सुधार की गति भी सुस्त पड़ जाएगी।