केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार को कहा कि आजादी के बाद पहली बार भारत से 2,300 से भी अधिक मुस्लिम महिलाएं वर्ष 2019 के दौरान ‘मेहरम’ (पुरुष सहयोगी) के बिना हज यात्रा पर जाएंगी। इस दौरान आपको बता दें कि सरकार प्राइवेट टूर और ट्रावेल वालों पर सख्त कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के हज प्रभाग के नए कार्यालय परिसर का नई दिल्ली के आर.के. पुरम में उद्घाटन करते हुए नकवी ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में रहने वाली 2340 मुस्लिम महिलाओं ने मेहरम के बिना हज 2019 पर जाने के लिए आवेदन किया है। इस वर्ष भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने लॉटरी प्रणाली के बिना ही इन महिलाओं को हज पर भेजने की व्यवस्था की है।
केन्द्र की मोदी सरकार ने पिछले वर्ष पहली बार ‘मेहरम’ के बिना महिलाओं के हज यात्रा पर जाने पर लगे प्रतिबंध को हटाया था। इसके परिणामस्वरूप बिना किसी पुरुष सहयोगी के भारत की लगभग 1300 मुस्लिम महिलाएं हज 2018 पर गई थीं।
इन महिलाओं को लॉटरी प्रणाली से छूट दी गई थी। उन्होंने कहा कि हज 2019 के लिए लगभग 2.67 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं जिनमें से 1,64,902 आवेदन ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं।
नकवी ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार भारत से रिकॉर्ड संख्या में मुस्लिम हज यात्रा 2018 पर गए थे और वह भी बिना किसी ‘सब्सिडी’ के ही वे हज यात्रा पर गए थे। भारत से रिकॉर्ड संख्या में 1,75,025 मुस्लिम हज यात्रा 2018 पर गए थे जिनमें लगभग 48 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं।
नकवी ने कहा कि हज यात्रा पर जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है जिससे हज यात्रा 2019 के दौरान हज यात्रीगण लगभग 113 करोड़ रुपये की बचत कर सकेंगे। हज यात्रा पर जीएसटी घटने की बदौलत विभिन्न स्थानों से हवाई यात्रा के किरायों में उल्लेखनीय कमी सुनिश्चित होगी।
इस वर्ष श्रीनगर से हवाई किराये में 11377.07 रुपये और अहमदाबाद से हवाई किराये में 7305.95 रुपये की कमी होगी। इसी तरह औरंगाबाद, दिल्ली, गया, गुवाहाटी, रांची, कोलकाता और हैदराबाद से हवाई किराया क्रमश: 9373.68, 7967.62, 11027.85, 13049.63, 11946.84, 9787.22 एवं 7204.87 रुपये घट जाएगा।