हरियाणा के करनाल में किसान महापंचायत से पहले कृषि कानून के विरोध में उग्र प्रदर्शन हुआ। यहां हरियाणा सीएम मनोहर लाल खट्टर यहां किसानों से संवाद करने वाले थो।
ज़ी हिन्दुस्तान पर छपी खबर के अनुसार, रविवार दोपहर प्रदर्शन कारियों ने रैली के लिए बना मंच तोड़ दिया। इसके बाद पुलिस ने किसानों को रोका तो दोनों के बीच कहासुनी हुई और थोड़ी ही देर में इसने झड़प का रुख ले लिया।
उग्र किसानों को रोकने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े और वाटर कैनन भी चलाई गई। हंगामे के बाद सीएम मनोहर का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया।
जानकारी के मुताबिक, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर रविवार को करनाल के कैमला गांव में किसान महापंचायत रैली करने वाले थे।
कोशिश थी कि सीएम किसानों से बात कर उनकी समस्या का हल निकाल सकें और उन्हें कृषि कानूनों के लिए राजी कर सकें।
इसे लेकर प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। रविवार दोपहर यहां गढ़ी सुल्तान के पास पुलिस ने नाका लगा रखा था।
हालांकि इसका विरोध करने वाले किसान यहां इकट्ठा होना शुरू हो गए। जैसे ही वे आगे बढ़े तो पुलिस ने उन्हें रोका, नहीं मानने पर उन पर आंसू गैस के गोले दागने पड़े। पुलिस को लाठियां भी चलानी पड़ीं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल का कार्यक्रम पहले से तय था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सामने आया है कि महापंचायत को लेकर सुबह से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान कैमला गांव के आसपास इकट्ठा होना शुरू हो गए थे।
बड़ी संख्या में किसान हाइवे पर काले झंडे लेकर खड़े हो गए थे. उधर कांग्रेस का भी किसानों और कृषि कानूनों को लेकर सरकार का विरोध जारी है।
कांग्रेस ने सीएम मनोहर की किसान महापंचायत को ढोंग बताया है। पार्टी के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इसे लेकर ट्वीट किया है।
उन्होंने लिखा, ‘मनोहर लाल जी, करनाल के कैमला गांव में किसान महापंचायत का ढोंग बंद कीजिए।
अन्नदाताओं की संवेदनाओं एवं भावनाओं से खिलवाड़ करके क़ानून व्यवस्था बिगाड़ने की साज़िश बंद करिए।
संवाद ही करना है तो पिछले 46 दिनों से सीमाओं पर धरना दे रहे अन्नदाता से कीजिए।