जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए हरियाणा ने पेश किया विधेयक

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को कहा कि हरियाणा धर्मांतरण रोकथाम विधेयक, 2022 विधानसभा सत्र के तीसरे दिन सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारा बनाए रखने और समाज को बांटने के उद्देश्य से पेश किया गया है।

उन्होंने कहा कि पूर्व में यमुनानगर, पानीपत, फरीदाबाद, गुरुग्राम और नूंह से कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जिनमें लालच देकर, विदेश ले जाने के झूठे वादे, कारोबार बढ़ाने और घर से भाग जाने के लिए जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी घटनाएं बड़ी चिंता का विषय बन गई हैं।

कई मामलों में प्राथमिकी भी दर्ज की गई है। खट्टर ने कहा कि इस तरह की घटनाएं पूरे देश में हो रही हैं और अलग-अलग राज्यों ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अपने-अपने कानून बनाए हैं।

मुख्यमंत्री ने यहां विधानसभा के चल रहे सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए यह बात कही।

उन्होंने कहा कि बिल किसी व्यक्ति को जानबूझकर धर्मांतरण से नहीं रोकता है, बशर्ते कि ऐसा व्यक्ति एक महीने पहले जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन जमा करे।

हालांकि भारतीय दंड संहिता के प्रावधान भी जबरन धर्म परिवर्तन में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं, यह इस समस्या का पूर्ण समाधान प्रदान नहीं करता है, इसलिए इस कानून का अधिनियमन समय की आवश्यकता है, मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया।

एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए खट्टर ने कहा कि इस विधेयक के पारित होने के बाद इसे निश्चित रूप से लागू किया जाएगा।

लेकिन पुराने मामलों में अगर कोई शिकायत मिलती है तो कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।