दिल्ली हाईकोर्ट ने गूगल पे के खिलाफ यूपीआई नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाने वाली याचिका पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) और केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, गूगल पे के जरिये प्रधानमंत्री राहत कोष में यूपीआई के जरिये अंशदान नहीं दे पाने पर याची ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। न्यायमूर्ति आशा मेनन ने इस याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई की।
इस संबंध में उन्होंने आरबीआई, केंद्र सरकार और गूगल इंडिया डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी करके तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
याचिका में याचिकाकर्ता शुभम कापाले ने आरोप लगाया कि गूगल पे ने उन्हें नया वीपीए या यूपीआई आईडी बनाए बिना पीएम केयर्स फंड में अंशदान की इजाज नहीं दी।
इसलिए उन्हें हाईकोर्ट में याचिका दायर करनी पड़ी। याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा कि उन्होंने अपने मौजूदा वीपीए व यूपीआई आईडी से दूसरे लेनदेन की भी कोशिश की, लेकिन उसमें भी यही बाधा सामने आई।
याची ने दावा किया है कि गूगल इंडिया का ऐप गूगल पे यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के नियमों का उल्लंघन कर रहा है।
यह अपने प्लैटफॉर्म पर नए ग्राहकों को मौजूदा वर्चुअल पेमेंट अड्रेस (वीपीए) या यूपीआई आईडी का इस्तेमाल नहीं करने देता है, जिसे ग्राहक ने किसी और प्लेटफॉर्म या एप से क्रिएट किया हो।
याचिका में कहा गया कि एनपीसीआई के एक पुराने सर्कुलर के मुताबिक कोई भी मर्चेंट ग्राहक पर वीपीए या यूपीआई क्रिएट करने का दबाव नहीं डाल सकता है। याचिका में कहा गया है कि गूगल पे ग्राहकों से नया यूपीआई आईडी या वीपीए बनाने को कहता है।