कर्नाटक के मंगलोर में नए नागरिकता कानून (CAA) को लेकर विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूल ले लिया, जिसमें पुलिस फायरिंग में दो लोगों की मौत हो गई. पुलिस फायरिंग में मारे जाने वाले जलील बंदर इलाके के रहने वाले थे.
जलील ज्वॉइंट परिवार के साथ बंदर इलाके में रहते थे. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक जलील के दो बच्चे हैं. वे बंदर में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते थे. पिता के जाने के गम में डूबी बेटी ने कहा कि उन्होंने मेरे सामने मेरे डैड को मार डाला. इसके आगे वो कुछ नहीं बोल पाई. वो लगातार रो रही थी, इसलिए वो ज्यादा नहीं बोल पाई.
वहीं, परिवार के सदस्यों ने जलील की मौत के लिए मंगलोर पुलिस कमिश्नर पीएस हर्ष और पुलिस को जिम्मेदार बताया. उन लोगों ने कहा कि वहां 7 से 9 हजार की भीड़ नहीं थी, बल्कि लगभग 50 से 100 लोग थे, वो इतने भी लोगों को कैसे मैनेज नहीं कर सके?
परिवार के सदस्यों ने बताया, ‘जलील बच्चे को लेने गया था, बच्चे की स्कूल से छूट्टी हो गई थी और स्कूल वैन ने उसे बीच में ही उतार दिया था, इसलिए जलील उसे लेने गए थे. यह हादसा शाम 5 बजे के करीब हुआ, जब जलील अपने बच्चे को घर छोड़ बाहर गया, तभी पुलिस ने उन्हें गोली मार दी.’
उन्होंने बताया, ‘जलील प्रदर्शन में शामिल नहीं थे. उन्हें ठीक आंख में गोली मारी गई थी. एक गोली बायीं आंख में लगी और उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया. स्थानीय लोग उन्हें अस्पताल लेकर गए, लेकिन पहले ही जलील की मौत हो चुकी थी.’
वहीँ कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने रविवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि 19 दिसंबर को मंगलौर में हुए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध प्रदर्शन में मारे गए दो लोगों के परिवार को राज्य सरकार 10-10 लाख रुपए का मुआवजा देगी.