देश से अभी कोरोना का खत्मा भी नहीं हुआ है कि आंध्र प्रदेश में एक रहस्यमय बीमारी ने सनसनी मचा दी है।
समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, आंध्र प्रदेश के एलुरू कस्बे के विभिन्न हिस्सों में रह रहे लोगों में इस अजीब बीमारी के लक्षण देखने को मिल रहे हैं।
जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, सूबे के पश्चिमी गोदावरी जिले के इलुरु शहर में शनिवार रात से अब तक 292 लोगों को मिर्गी या बेहोशी जैसे लक्षणों के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि एक व्यक्ति की मौत हो गई है।
एलुरू के सरकारी अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट डॉ. मोहन ने बताया कि इलाके में बीमार पड़ने वालों की संख्या बढ़ रही है। समाचार एजेंसी आइएएनएस के मुताबिक, हालात को देखते हुए रविवार को स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक टीम वहां भेजी गई है।
मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी भी सोमवार को इलुरु जाएंगे। उप मुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री ए. कृष्ण श्रीनिवास ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है तथा सभी को मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
बीमारों में 46 बच्चे तथा 76 महिलाएं भी शामिल हैं जबकि 70 लोगों की हालत स्थिर होने पर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। पांच लोगों को बेहतर इलाज के लिए विजयवाड़ा के सरकारी अस्पताल में शिफ्ट किया गया है।
कुछ लोगों का निजी अस्पतालों में भी इलाज चल रहा है। सरकारी अस्पताल का दौरा करने के बाद श्रीनिवास ने बताया कि लोगों को चक्कर आने तथा मिर्गी जैसे लक्षणों के बाद अस्पताल लाया गया। लोगों के स्वास्थ्य पर नजर रखने के लिए घर-घर सर्वे किया जा रहा है।
मंत्री ने बताया कि पानी का सैंपल जांच के लिए भेजा गया और उसके प्रदूषित होने की रिपोर्ट नहीं है। खून के नमूने भी भेजे गए हैं और कोई वायरल संक्रमण नहीं पाया गया है।
सभी पीडि़तों की कोरोना जांच भी निगेटिव आई है। बीमार लोग अचानक बेहोश हुए और उनके मुंह से झाग आने के साथ शरीर कांपने लगा।
पीड़ित न तो आपस में रिश्तेदार हैं और न ही किसी एक कार्यक्रम में हिस्सा बने थे। डॉक्टर बीमारी का कारण पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
डॉ. मोहन ने बताया कि बीमारी के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। मरीजों का लक्षणों के आधार पर इलाज किया जा रहा है। मरीजों में ज्यादातर ज्यादा उम्र के लोग या बच्चे बताए जाते हैं।
मरीजों की कोरोना जांच भी की गई जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। मरीजों की निगरानी कर रहे चिकित्सकों का कहना है कि इन मरीजों का एक-दूसरे से कोई लेना-देना नहीं ना तो ये एक दूसरे के संपर्क में आए हैं। इस वाकए से लोगों में दहशत का माहौल है।