नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मथुरा जेल में बंद रहे डॉ. कफील खान ने सीएम योगी से नौकरी बहाल करने की मांग की है।
हरिभूमी पर छपी खबर के अनुसार, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ कफील सीएम योगी से अपील की है कि उनकी नौकरी को इज्जत के साथ वापस किया जाए।
ताकि मैं कोरोना यौद्धा बनकर समाज और देश की सेवा कर संकू। डॉ कफील खान ने कहा कि देश में कोरोना वायरस की वजह से अब तक 60000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।
देश में कोरोना वायरस से संक्रमित होकर मरने वालों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। डॉ कफील का कहना है कि महर्षि वाल्मीकि ने कहा था कि राजा को राजधर्म निभाना चाहिए, लेकिन उत्तर प्रदेश में राजा राज धर्म नहीं निभा रहा, बल्कि वह बालहठ कर रहा है।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान डॉ कफील खान ने यह भी कहा कि जब से गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन कांड हुआ है उसके बाद से सरकार उनके पीछे पड़ी है।
उन्होंने बताया कि मेरे परिवार को भी काफी कुछ सहना पड़ा है। इससे पहले डॉ. कफील की रिहाई को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पत्र लिखकर योगी सरकार पर हमला बोला था।
आपको बता दें कि डॉक्टर कफील पर सीएए और एनआरसी को लेकर अलीगढ़ में भड़काऊ सर देने का आरोप लगा था। जिस वजह से उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया गया।
इसी के तहत वह लगभग साढ़े सात महीने से मथुरा जेल में बंद थे। इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह की पीठ ने कफील को तत्काल रिहा करने के आदेश दिये थे।