जम्मू कश्मीर की आधिकारिक भाषाओं की सूची में उर्दू और अंग्रेजी के अतिरिक्त कश्मीरी, डोगरी और हिंदी को शामिल किया गया!

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के बाद एक नए कानून को अधिसूचित कर दिया गया है, जिसमें जम्मू कश्मीर की आधिकारिक भाषाओं की सूची में उर्दू और अंग्रेजी के अतिरिक्त कश्मीरी, डोगरी और हिंदी को शामिल किया गया है।

 

पंजाब केसरी पर छपी खबर के अनुसार, हाल में मानसून सत्र के दौरान संसद ने जम्मू कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक, 2020 को पारित किया था।

 

गजट अधिसूचना के मुताबिक जम्मू कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक, 2020 को 26 सितंबर को राष्ट्रपति ने अपनी मंजूरी दे दी।

 

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने संसद में कहा था कि यह जम्मू कश्मीर के लोगों की बहुप्रतीक्षित मांग थी कि वहां बोली जाने वाली भाषाओं को आधिकारिक भाषाओं की सूची में शामिल करना चाहिए।

 

उन्होंने कहा था कि केंद्रशासित प्रदेश में करीब 74 प्रतिशत लोग कश्मीरी और डोगरी भाषाएं बोलते हैं।

 

रेड्डी ने कहा था कि 2011 की जनगणना के मुताबिक जम्मू कश्मीर की केवल 0.16 प्रतिशत आबादी उर्दू जबकि 2.3 प्रतिशत लोग हिंदी बोलते हैं।

 

उन्होंने कहा था कि सरकार क्षेत्र में अन्य स्थानीय भाषाओं- पंजाबी, गुर्जरी और पहाड़ी को भी बढ़ावा देने के लिए कदम उठाएगी।

 

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था कि सरकार ने डोगरी, हिंदी और कश्मीरी को जम्मू कश्मीर में आधिकारिक भाषाओं में शुमार करने की बहुप्रतीक्षित मांग को स्वीकार लिया है।