मोहन भागवत ने दिया बड़ा बयान, जानिए, क्या?

   

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर महानगर की ओर से प्रस्तावित बौद्धिक वर्ग को ऑनलाइन संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भगवत ने रविवार को कहा कि देश में कोरोना का संकट बढ़ता जा रहा है, लेकिन सभी लोग घर में रहकर इस जंग को जीत सकते हैं।

 

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, उन्होंने लोगों से लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने तथा घर में रह कर ईश्वर से प्रार्थना करने को कहा। मोहन भागवत ने कहा कि “कार्यक्रम करना अपना कार्य नहीं है, कार्य अपना कार्यक्रम है।

 

सेवा का काम आज बदल गया है। सब काम देख रहे हैं और हौसला बढ़ा रहे हैं। दुनिया कोरोना से जूझ रही है। कोरोना से घर में ही रहकर जंग जीतना है।”

 

उन्होंने कहा, “यह समाज हमारा है, यह देश हमारा है, इसलिए हम काम कर रहे हैं। कुछ बातें सभी के लिए साफ हैं। यह एक नई बीमारी है, इसलिए सबकुछ जानकारी नहीं है।

 

इसलिए सावधानी बरतकर काम करें। थकना नहीं चाहिए, प्रयास करते रहना होगा। सरकार के आदेशों का पालन करें।”

 

उन्होंने कहा, “हम मनुष्य में भेद नहीं करते हैं। हमारी कोशिश है कि जरूरतमंदों तक मदद पहुंचे। प्रेम पर अपनेपन के साथ काम करना होगा। इस संकट के वक्त में ठंडे दिमाग से सोचने की जरूरत है।”

 

मोहन भागवत ने कहा, “कुछ खबरें आई हैं कि लोग क्वारंटीन के डर से छिप रहे हैं। इससे डरने की जरूरत नहीं है।

 

दोष रखने वाले लोग हर जगह होते हैं, लेकिन हमें जैविक तरीके से जीवन चलाना होगा। संघ ने 30 जून तक सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं।

 

130 करोड़ लोग अपने बंधु हैं, भारत के पुत्र हैं। इसलिए दिए जा रहे दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। इस संकट से भविष्य में सीख लेने की जरूरत है।”

 

उन्होंने कहा, “हम सभी को स्वदेशी का आचरण अपनाना होगा। स्वदेशी का उत्पादन गुणवत्ता का हो, कारीगर, उत्पादक सभी को यह सोचना होगा।

 

समाज और देश को स्वदेशी को अपनाना होगा। विदेशों पर अवलंबन नहीं होना होगा। हम यहां की बनी वस्तुओं का उपयोग करेंगे।

 

अगर उसके बगैर जीवन नहीं चलता है तो उसे अपनी शर्तों पर चलाएंगे। कोरोना संकट को अवसर बनाकर नया भारत गढ़ना है। क्वालिटी वाले स्वदेशी उत्पाद बनाने पर जोर देना होगा।”