क्या सर्दियों में खतरनाक होगा कोविड-19 वायरस?

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केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने पांचवें एपिसोड में सोशल मीडिया के उपयोगकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श किया और उनके द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दिया।

 

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, कोविड-19 के बारे में अफवाहों तथा गलत-फहमियों को निराधार बताते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड के खिलाफ जंग में आयुर्वेद की भूमिका की विस्तृत जानकारी दी।

 

उन्होंने कहा कि आईसीएमआर की पुनःसंक्रमण के मामलों, वैक्सीन के चयन के लिए मानदंड और कोविड के वैक्सीन के बारे में अन्य महत्वपूर्ण सूचना आईसीएमआर के शीघ्र आने वाले अध्ययन में है।

 

चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र के निवासियों के समक्ष आई कठिनाइयों के बारे में जानकर उन्होंने पब्लिक प्लेटफॉर्म पर अपने संपर्क का विवरण दिया और भरोसा दिलाया कि क्षेत्र के निवासियों के समक्ष आने वाले सभी मुद्दों का प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा।

 

भीड़भाड़ वाले आयोजनों से दूर रहने के लिए लोगों को सजग करते हुए और सावधानियों के बारे में सरकार के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन करने के बारे में डॉ. हर्ष वर्धन ने लोगों से अनुरोध किया कि मेलों और पंडालों में जाने के बजाए वे अपने प्रियजनों के साथ घर में आगामी त्योहार मनाएं।

 

उन्होंने लोगों को याद दिलाया कि कोविड के खिलाफ जंग सबसे महत्वपूर्ण और पहला धर्म है। उन्होंने बताया कि देश के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में उनका धर्म है कि वायरस में कमी लाई जाए और किसी भी हालत में मौतों को रोका जाए।

 

भागवद गीता में योद्धाओं के लिए युद्ध करने की माफी बताई गई है। इसलिए अपने धर्म या विश्वास में प्रतिबद्धता व्यक्त करने के लिए बहुत बड़ी भीड़ की कोई आवश्यकता नहीं है।

 

यदि हम ऐसा करेंगे तो हमारे लिए मुसीबतें सामने आएंगी। भगवान कृष्ण ने कहा है कि अपने लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित करें—मेरा लक्ष्य और आपका लक्ष्य – हमारा लक्ष्य इस वायरस को समाप्त कर मानवता को बचाना है। यही हमारा धर्म है। इस समय यही पूरे विश्व का धर्म है।

 

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अभूतपूर्व परिस्थितियों के लिए अभूतपूर्व कार्रवाई की जानी चाहिए। कोई धर्म या ईश्वर यह नहीं कहता कि आप त्योहार धूमधाम से मनाएं या प्रार्थना के लिए पंडाल, मंदिर और मस्जिद में जाएं।

 

उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान के अनुसार शपथ लें और राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान में शामिल हों तथा दो महीने के जन-आंदोलन में भाग लें, ताकि महामारी का और अधिक फैलाव न हो।

 

डॉ. हर्ष वर्धन ने सर्दी के मौसम में नोवेल कोरोना वायरस के प्रसार की आशंका को साझा किया और कहा कि यह श्वास से संबंधित वायरस है और श्वास से संबंधित वायरस का सर्दी के मौसम के दौरान फैलाव होने के बारे में सभी जानते हैं।

 

ऐसे वायरस सर्दी के मौसम और कम नमी की स्थिति में फैलते हैं। इसे देखते हुए यह कल्पना करना गलत नहीं होगा कि सर्दी के मौसम में भारतीय संदर्भ में नोवेल कोरोना वायरस का फैलाव अधिक हो सकता है।

 

मास्क/फेस कवर पहनने, विशेष रूप से जब सार्वजनिक स्थलों में हों, नियमित रूप से हाथ धोने तथा श्वस्न शिष्टाचार का पालन करने समेत कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाने से रोग के प्रसार को रोकने मे मदद मिलेगी।

 

डॉ. हर्ष वर्धन ने निकट भविष्य में फेलूदा जांच की शुरुआत किए जाने की अच्छी खबर साझा की। इंस्टिट्यूट ऑफ जिनोमिक्स एंड इंटेग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) में 2000 से अधिक मरीजों पर किए गए इस जांच के परीक्षण और निजी प्रयोगशालाओं में जांच से 96 प्रतिशत संवेदनशीलता और 98 प्रतिशत विशिष्टता का पता चलता है।

 

आईसीएमआर की वर्तमान की आरटी-पीसीआर किट की कम से कम 95 प्रतिशत संवेदनशीलता और कम से कम 99 प्रतिशत विशिष्टता के स्वीकृत मानदंड की तुलना में फेलूदा जांच सही प्रतीत होती है।

 

उन्होंने कहा कि एसआरएस-सीओवी2 के फेलूदा पेपर स्ट्रिप टेस्ट को सीएसआईआर-आईजीआईबी ने विकसित किया है और इसे व्यावसायिक शुरुआत के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने अनुमति दी है।

 

इस किट को परमाणु ऊर्जा विभाग के नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज, बैंगलुरु ने पहले ही वैधता प्रदान कर दी है। उन्होंने कहा कि हालांकि मैं इसकी उपलब्धता की कोई निश्चित तिथि नहीं बता सकता, हमें उम्मीद है कि अगले कुछ महीने में इस टेस्ट के शुरुआत होने की संभावना है।

 

समूची जनसंख्या में समूहों की प्राथमिकता के द्वारा कोविड-19 के वैक्सीन की शुरुआत को लेकर सरकारी योजना पर उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रारंभ में सीमित मात्रा में कोविड-19 के वैक्सीन की आपूर्ति उपलब्ध होगी।

 

उन्होंने कहा कि भारत जैसे विशाल देश में एक्सपोजर के जोखिम, विभिन्न जनसंख्या समूहों में एक साथ कई बीमारियों, कोविड के मामलों में मृत्यु और अन्य कई कारणों जैसे विभिन्न कारकों के आधार पर वैक्सीन की डिलिवरी की प्राथमिकता महत्वपूर्ण है।

 

उन्होंने यह भी कहा कि भारत कई प्रकार की वैक्सीन की उपलब्धता पर विचार कर रहा है। इनमें से कुछ एक विशेष आयु वर्ग के लिए समुचित होंगे, जबकि अन्य के लिए नहीं होंगे।