भाजपा ने हालिया दिल्ली विधानसभा चुनाव में पहली बार डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल किया था. समाचार वेबसाइट वाइस के मुताबिक इसकी मदद से दिल्ली भाजपा के मुखिया मनोज तिवारी के दो वीडियो बनाए गए.
एक वीडियो में वे अंग्रेजी में बोल रहे थे जबकि दूसरे में हरियाणवी लहजे में. ऐसा अलग-अलग वर्ग के वोटरों को अपनी तरफ खींचने के लिए किया गया. इन वीडियो में मनोज तिवारी सीएए को लेकर दिल्ली में सत्ताधारी पार्टी आप और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आलोचना करते दिखते हैं. भाजपा का कहना है कि ये वीडियो करीब 5800 वाट्सएप ग्रुप्स में शेयर किए गए थे.
BJP uses deepfake? https://t.co/4QfuXwSu5t
— Anurag Kashyap (@anuragkashyap72) February 18, 2020
डीपफेक तकनीक में एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाता है. इसकी मदद से ऐसे नकली वीडियो बनाए जा सकते हैं जो असली लग सकते हैं. उदाहरण के लिए इसकी मदद से किसी को अपशब्दों का इस्तेमाल करते दिखाया जा सकता है. यही वजह है कि इस तकनीक को लेकर चिंताएं जताई जाती रही हैं.
https://twitter.com/CindyOtis_/status/1229824891458854913?s=20
उधर, भाजपा का कहना है कि उसने इस तकनीक का सकारात्मक इस्तेमाल किया है. एनडीटीवी से बातचीत में दिल्ली भाजपा के मीडिया प्रभारी नीलकांत बख्शी ने कहा, ‘कई लोगों ने हमें बताया कि ये वीडियो दिलचस्प थे. खासकर हरियाणवी लहजे वाला. अच्छी बात है, लोगों ने इन्हें पसंद किया.’ उनका यह भी कहना था कि इसके लिए भाजपा ने कोई पैसा खर्च नहीं किया.
Even if it was intended for “positive campaigning”, use of Deepfakes by BJP in #DelhiElections2020 seriously blurs an ethical line. Law enforcement & tech have been working to combat deepfake tech in #misinformation #pornography #terrorism #propaganda . https://t.co/TsILIgHxJU
— Maya Mirchandani 🇮🇳 (@maya206) February 19, 2020
ये डीपफेक वीडियो चंडीगढ़ की एक कंपनी आइडियाज फैक्ट्री ने बनाए थे. बताया जा रहा है कि यह एक तरह का प्रयोग था. एनडीटीवी के मुताबिक संपर्क किए जाने पर कंपनी ने इस संबंध में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.