हिज़्बुल्लाह ने इजरायल को दी धमकी, कहा- ‘हमारे रेंज में है’

,

   

लेबनान के हिज़्बुल्लाह संगठन के महासचिव ने एक बार फिर इस्राईल को किसी प्रकार के अतिक्रमण के अंजाम की ओर से सचेत करते हुए कहा है कि पूरा इस्राईल हिज़्बुल्लाह के मीज़ाईल की रेंज में है।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, सय्यद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि पश्चिमी पाबंदियों के बावजूद प्रतिरोध आंदोलन किसी भी समय की तुलना में अधिक मज़बूत स्थिति में है। उन्होंने 2006 में लेबनान पर इस्राईल द्वारा थोपे गए दूसरे युद्ध की बरसी पर शुक्रवार को अलमनार टीवी चैनल के साथ इंटरव्यू में यह बात कही।

सय्यद हसन नसरुल्लाह ने कहाः “जैसा कि हम कह चुके हैं कि हम हैफ़ा के दक्षिण में लक्ष्य भेद सकते हैं। आज हम बताना चाहते हैं कि अगर इस्राईल के इलियात के दक्षिण में प्रतिष्ठान हैं तो उसे भी निशाना बना सकते हैं। पूरा इस्राईल हमारी मीज़ाईल की रेंज में है।”

हिज़्बुल्लाह के महासचिव ने कहाः “हमारे पास बड़ी तादाद में मीज़ाईल हैं। हमारे पास सटीक रूप से लक्ष्य भेदने वाले प्रीसाइज़ मीज़ाईल भी हैं जो हमारे पास 2006 में नहीं थे। हमारे पास बड़े व शक्तिशाली ड्रोन विमान भी हैं।”

उन्होंने इसके साथ ही कैमरे के सामने, इस्राईल द्वारा अतिग्रहित इलाक़ों का मानचित्र हाथ में उठाते हुए उसमें हिज़्बुल्लाह के हमलों के संभावित लक्ष्यों की ओर इशारा किया। उन्होंने कहाः “कुल 70 किलोमीटर लंबा और 20 किलोमीटर चौड़ा क्षेत्र है। हम इन सब को तबाह कर सकते हैं।”

हालांकि सय्यद हसन नसरुल्लाह ने इस्राईल के पास निकट भविष्य में जंग की संभावना का इंकार करते हुए बल दिया कि हिज़्बुल्लाह की निवारक क्षमता की वजह से इस्राईल लेबनान पर एक और जंग थोपने का जोखिम नहीं ले सकता।

इस इंटरव्यू में सय्यद हसन नसरुल्लाह ने क़ुद्स के विषय पर भी चर्चा करते हुए उम्मीद जतायी कि हम मस्जिदुल अक़्सा में नमाज़ पढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें भविष्य की जंग में कामयाबी का विश्वास है। ईश्वर हमारे साथ है।

उन्होंने इसी तरह फ़िलिस्तीनियों और इस्राईली शासन के बीच दशकों से चले आ रहे है विवाद को हल करने के लिए अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प की कथित “सेन्चरी डील” की आलोचना करते हुए बल दिया कि यह योजना नाकाम होकर रहेगी। उन्होंने कहा कि अमरीका ने अलक़ुद्स को इस्राईल की राजधानी के रूप में मान्यता देकर इस पहल को निष्कृय बना दिया।

सय्यद हसन नसरुल्लाह ने कहाः “इस समझौते ने तभी दम तोड़ दिया था जब ट्रम्प ने पूर्वी अलक़ुद्स को इस्राईल की राजधानी के रूप में मानय्ता दी। एक भी फ़िलिस्तीनी उस समझौते के लिए तय्यार नहीं होगा जिसमें ईसाइयों और मुसलमानों के पवित्र धार्मिक स्थलों को इस्राईल को दिए जाने का प्रावधान हो।”