उद्योगपति किशोर मारीवाला ने लिखा कि वह भारतीयों की प्रतिष्ठा को जानने के बाद ‘वास्तव में शर्मिंदा’ हैं। उन्होंने लिखा, मैं फुकेट,थाइलैंड आया हूं। छुट्टी मनाने के लिए। मैंने एक हफ्ते के लिए पहले से बुक कर रखा था। जब मैं पहुंचा तो उसके ऑफिस में जरूरी सूचना देनी थी जिसके बाद सैर का मजा ले सकूं।
ऑफिस के स्टॉफ प्यार से सभी इंतजाम को पूरा कर रहे थे। इसी दौरान उनमें से एक ने मुझसे पूछा-क्या आप भारत से हैं? क्या आप हिंदू हैं? मैं सवालों पर हैरान हुआ और हां कहते हुए पूछा कि यह मुझसे क्यों पूछ रहे हैं। तब तक उसने अपने बॉस को जानकारी दी। चंद मिनटों में उसका बॉस घबराते हुए अाया।
वे आपस में कुछ देर तक थाई भाषा में बात करते रहे। फिर उनका बॉस मेरी तरफ मुखातिब हुआ। उसने सहमे अंदाज में कहा-नौका तो है लेकिन उनके पास उन्हें देने के लिए सिर्फ एक स्टॉफ है और वह मुस्लिम है। क्या वह उनके साथ जाना पसंद करेंगे? उसने कहा-आप बुरा नहीं मानेंगे।
Coming from the land of non-violence, it’s unbecoming of us to witness and encourage these acts of violence. Extremely hurt seeing last evening’s news .
— Harsh Mariwala (@hcmariwala) January 6, 2020
मैं हतप्रभ था। मैं पूछा- आप यह क्यों कह रहे हैं? मैं क्याें बुरा मानूंगा?
उसने कहा-मैंने कहीं पढ़ा। हिंदुओं को मूसलमान पसंद नहीं है। वे उनके साथ रहना पसंद नहीं करते हैं।
मेरे सामने कोई शब्द नहीं थे। मैं खुद से शर्मिंदा था। मैंने उसे समझाया-हिंदू ऐसे कतई नहीं है। वे सभी को पसंद करते हैं।
क्या विदेशों में वहां आम लोगों के बीच हमारी छवि ऐसी बनी रही है ?
मैं वास्तव में बहुत शर्मिंदा हूं।