हिन्दुत्व को राजनीतिक रूप से पेश करना कुछ और नहीं बल्कि हिन्दू धर्म पर प्रहार है
लेखक एवं नेता शशि थरूर ने दावा किया है कि हिन्दुत्व को राजनीतिक रूप से पेश करना कुछ और नहीं बल्कि हिन्दू धर्म पर प्रहार है। उन्होंने यह भी कहा कि सहस्राब्दियों से विश्व कल्याण की कामना करने वाले इस धर्म ने बाहरी आक्रमणों में अपनी प्रतिरोध क्षमता का प्रदर्शन किया है किंतु भीतर से होने वाले हमलों के कारण अब यह अपनी कमजोरी दिखा रहा है।
Where the life-affirming religion (Hinduism) has for millennia proved its resilience to external attacks, it is now revealing its vulnerability to attack from within, says writer-politician @ShashiTharoor.#DHPoliticalTheatre | #Hindutva https://t.co/L0oHLUJo0D
— Deccan Herald (@DeccanHerald) September 29, 2019
साक्षी प्रभा पर छपी खबर के अनुसार, नयी पुस्तक ‘ द हिन्दू वे- एन इंट्रोडक्शन टू हिन्दुइज्म’ में उन्होंने हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण दर्शनों जैसे अद्वैत वेदांत पर गहन चिंतन किया है और उन प्रारंभिक धारणाओं की ओर ध्यान दिलाया है जो धर्म का आधार हैं। यह पुस्तक उनकी पूर्व की किताब ‘ वाई आई एम ए हिन्दू’ की श्रृंखला की अगली कड़ी है।
Dear writer, if you have gut then write book on "Islamic Terrorism". https://t.co/zMwKUeHm1Z
— Harivadan Dalal (@HarivadanDalal) September 29, 2019
थरूर ने किताब में लिखा, ‘‘ हिन्दू धर्म अपने खुलेपन, दूसरे विचारों का सम्मान करने और अन्य विश्वासों को स्वीकार करने के लिए जाना जाता है। यह एक ऐसा धर्म है जो अन्य धर्मों के भय के बिना डटा रहा। लेकिन यह वह हिन्दुत्व नहीं है जिसने बाबरी मस्जिद तोड़ी, न ही यह सांप्रदायिक राजनीतिक नेताओं द्वारा घृणा भरे बोलों का वमन है।’’
Hindutva ideology is a malign distortion of Hinduism: Shashi Tharoor#Hindutva #ShashiTharoor #LatestNews https://t.co/I36p81LUEe
— Pragativadi (@PragativadiNews) September 29, 2019
अठारह पुस्तकें लिख चुके थरूर ने कहा कि हिन्दुत्व का ऐसा दृष्टिकोण पेश करने के लिए हिन्दुत्व राजनीति का विरोध किया जाना चाहिए। यह दृष्टिकोण ऐसी हर उस चीज का विरोध करता है जिसके पक्ष में सार्वभौम धर्म होता है।