धर्मातरण रोकने के लिए केन्द्र सरकार ने NGO को दिशनिर्देश जारी किया!

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केंद्र सरकार देश में चल रहे धर्मातरण को लेकर अब सख्त हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस बाबत गैर सरकारी संगठनों यानि एनजीओ को कुछ दिशनिर्देश जारी किए हैं।

न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, सरकार ने धर्मातरण को रोकने के लिए विदेशी फंड हासिल करने वाले गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के सभी सदस्यों और पदाधिकारियों को सरकार के समक्ष इस बात की जानकारी देनी होगी वे कभी किसी व्यक्ति के धर्मातरण में शामिल नहीं रहे हैं।

गृह मंत्रालय की इस अधिसूचना में मंत्रालय ने विदेशी चंदा (नियमन) कानून (एफसीआरए) में बदलाव की घोषणा की है। इसके तहत अब एक लाख रुपये तक के निजी उपहार प्राप्त करने वालों के लिए सरकार को इस आशय की सूचना देना जरूरी नहीं होगा।

पहले यह राशि 25 हजार रुपये निर्धारित की गई थी। मंत्रालय के अनुसार, एनजीओ के प्रत्येक अहम सदस्य और पदाधिकारी को यह प्रमाणपत्र देना होगा कि उसे किसी के धर्मातरण के लिए न तो सजा सुनाई गई है और न ही दोषी ठहराया गया है।

इसके पहले एफसीआरए 2010 के अनुसार केवल एनजीओ के निदेशक पद के लिए आवेदन करने वालों के लिए इस तरह का प्रमाणपत्र देना अनिवार्य था। मंत्रालय ने बताया कि यह कदम धर्मातरण जैसे कार्यो के जरिये सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने वालों पर अंकुश लगाने के लिए उठाया गया है।

साथ ही एनजीओ के पदाधिकारियों और सदस्यों को यह शपथपत्र भी देना होगा कि वे विदेशी चंदे के दुरुपयोग अथवा राष्ट्रद्रोह और हिंसा को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में शामिल नहीं रहे हैं। दरअसल कुछ गैर सरकारी संगठनों पर धन का लोभ दिखाकर विशेषकर जनजातीय लोगों के धर्मातरण कराने के आरोप लगते रहे हैं।