हॉस्पिटल स्टाफ की व्हाट्सएप चैट वायरल, लिखा था- मुस्लिम मरीजों का नहीं करेंगे इलाज

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व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल  के बद राजस्थान के चूरू जिले के एक निजी अस्पताल के कर्मचारियों के खिलाफ जांच शुरू की गई है। पुलिस ने रविवार को कहा कि चैट में सीओवीआईडी ​​-19 से प्रभावित मुस्लिम मरीजों के नहीं आने की चर्चा है।

पूरे देश में कोरोना संक्रमण के खिलाफ लोग लड़ाई लड़ रहे हैं, वहीं राजस्थान के चुरू स्थित एक निजी अस्पताल के कर्मचारियों का वॉट्सऐप चैट इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। चैट में कर्मचारी अस्पताल में मुस्लिम मरीजों का इलाज न करने की बात कह रहे हैं। चैट सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। यह मामला चुरू के एक प्राइवेट हॉस्पिटल श्रीचंद बारादिया रोग निदान केंद्र का है।

यह मामला सामने आने के बाद इस हॉस्पिटल को चलाने वाले डॉक्टर सुनाील चौधरी ने फेसबुक पर सफाई देते हुए आरोपों से इनकार किया है। सुनील चौधरी ने फेसबुक पर लिखा कि उनके स्टाफ का किसी खास कौम के प्रति कोई द्वेष नहीं है। अगर किसी को बुरा लगा है तो वो इसके लिए माफी मांगते हैं।

 

वहीं, सरदारशहर पुलिस ने कहा है कि दो दिन पहले उनको ये स्क्रीनशॉट और शिकायत मिली है। जिसके बाद मामले की जांच की जा रही है। हालांकि अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। मामले को लेकर शहर के कई संगठनों ने अस्पताल के प्रति नाराजगी जताई है और इसे दो समुदाय को बांटने वाला बताया है।

क्या लिखा था मैसेज में

पुलिस के मुताबिक, वॉट्सएप चैट में डॉक्टर चौधरी की पत्नी का भी नाम है। वो भी इसी हॉस्पिटल में डॉक्टर हैं। हालांकि उन्होंने इन आरोपों से इनकार किया है। BARDIA RISE ग्रुप में किसी ने लिखा है- ‘कल से मैं मुस्लिम मरीज का एक्स रे नहीं करूंगा ये मेरा शपथ है।’ इसी शख्स ने एक और मैसेज लिखा- ‘मुस्लिम मरीजों को देखना ही बंद कर दो।’ एक अन्य ने इसी ग्रुप में लिखा- ‘अगर हिंदू पॉजिटिव होते न और मुस्लिम डॉक्टर होता तो हिंदुओं को कभी नहीं देखते। मैं मुस्लिम को ओपीडी में नहीं देखूंगी। बोल देना, मैडम नहीं है।’

डॉक्टर सुनील चौधरी की पत्नी डॉक्टर चौधरी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि किसी ने साजिश के तहत ऐसे मैसेजे को वायरल किया। डॉक्टरों का कहना है कि उनके हॉस्पिटल में बड़ी संख्या हर रोज मुस्लिम मरीजों का इलाज होता है। उन्होंने कहा कि वो फेसबुक पर भी कह चुके हैं कि उनके हॉस्पिटल ने किसी के धार्मिक भावना को ठेस नहीं पहुंचाई है।