धूम्रपान कैसे करता है कोरोना वायरस संक्रमन को मजबूत!

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दुनियाभर में कोरोना वायरस का बढ़ता प्रकोर सभी देशों की सरकार, निवासियों, स्वास्थ्य कर्मियों और शोधकर्ताओं के लिए बड़ी चिंता का विष्य बना हुआ है।

 

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, जैसे-जैसे वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन, इलाज और बचाव के तरीकों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त की जाने की कोशिश हो रही है, ऐसे में ये बात सामने आई है कि कुछ तरह के लोग उच्च जोखिम श्रेणी में आते हैं।

 

जैसे उम्रदराज़ पुरुष-महिलाएं, गर्भवति महिलाएं, पहले से किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोग, धूम्रपान करने वाले लोगों को उच्च जोखिम श्रेणी में रखा गया है।

 

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक अध्ययन में पाया गया है कि धूम्रपान से कोरोना वायरस का ख़तरा बढ़ सकता है क्योंकि इससे ऐसे एंज़ाइम बढ़ जाते हैं, जो कोरोनो वायरस को फेफड़ों की कोशिकाओं में ले जाते हैं।

 

यूरोपीय रेस्परटोरी जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, एस-2 (ACE-2) नाम का एक एंज़ाइम, धूम्रपान करने वाले लोगों के शरीर में बढ़ी हुई मात्रा में रहता है साथ ही उन लोगों में भी, जो क्रोनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पलमानरी बीमारी से ग्रस्त हैं।

 

 

यह एंज़ाइम फेफड़ों में जाने के लिए वायरस की मदद करता है, और वायरस का दोबारा अटैक करना भी आसान बना देता है।

 

इस शोध के लिए डाटा चीन से लिया गया था। चीन में चीन में, यह पाया गया कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों में और विशेष रूप से धूम्रपान करने वाले पुरुषों में मृत्यु दर बहुत अधिक था।

 

इस शोध के लिए क्रोनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पलमानरी बीमारी (COPD) से ग्रस्त 21 मरीज़ों के नमूने लिए गए थे, और 21 नमूने उन लोगों के जिन्हें COPD नहीं है लेकिन स्मोक करते हैं।

 

इस शोध में पाया गया कि COPD के मरीज़ और धूम्रपान करने वाले, दोनों तरह के लोगों के शरीर में ऐस-2 उच्च स्तर में मौजूद था।

 

पहले, यह कहा गया था कि धूम्रपान फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है, और कोरोनो वायरस भी फेफड़ों को संक्रमित करता है, इसलिए जो लोग स्मोक करते हैं उनके लिए जोखिम बढ़ जाता है।

 

हालांकि, हाल ही के एक शोध में पता चला है स्मोक करने से शरीर में एक तरह का एंजाइम बढ़ जाता है जो फेफड़ों को संक्रमित करने में कोरोना वायरस की मदद करता है।