कोविड-19: देश के चार राज्यों में 16 जिलें सबसे ज्यादा प्रभावित!

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चार राज्यों के 16 जिलों में कोविड-19 से मृत्युदर राष्ट्रीय औसत और संबंधित राज्य के औसत से अधिक है।

 

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सलाह दी कि प्रति दस लाख की आबादी पर टेस्ट बढ़ाए जाएं, मामलों की पॉजिटिविटी में कमी लाई जाए और एंबुलेंस की संख्या इतनी बढ़ाई जाए कि किसी को मना नहीं किया जा सके।

 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इन जिलों में कोविड-19 से मृत्युदर राष्ट्रीय और प्रदेशों के औसत से अधिक होना चिंता का विषय है।

 

ये जिले हैं- गुजरात के अहमदाबाद और सूरत। कर्नाटक के बेलगावी, बेंगलुरु शहरी, कलबुर्गी और उडुपी। तमिलनाडु के चेन्नई, कांचीपुरम, रानीपेट, थेनि, थिरुवल्लूर, तिरुचिरापल्ली, तूतीकोरिन और विरुधनगर।

 

तेलंगाना में हैदराबाद और मेदचल-मल्कजगिरी। मंत्रालय का कहना है कि उच्च मृत्युदर के अलावा इन जिलों में देश के कुल सक्रिय मामलों के 17 फीसद मामले हैं, दैनिक नए मामले अधिक हैं, प्रति दस लाख पर टेस्ट कम हैं और पॉजिटिविटी प्रतिशत भी अधिक है।

 

कोरोना वायरस महामारी के तेजी से फैलने के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से रेहड़ी-पटरी वालों, दुकानदारों और अन्य वेंडरों की जांच करने के लिए कहा है।

 

मंत्रालय ने कहा है कि यदि उनकी जांच नहीं की गई, तो बड़ी संख्या में लोगों के संक्रमित होने का खतरा बना रहेगा।

 

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने एंबुलेंसों को ऑक्सीजन की सुविधा से लैस करने और इसे तत्काल उपलब्ध कराने पर बल दिया है। उन्होंने एंबुलेंस से इन्कार करने की निगरानी करने और मांग पर इसे मुहैया कराने की जरूरत भी बताई है।

 

देश में महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और गुजरात में ज्यादा सक्रिय केस बड़े शहरों से आ रहे हैं जबकि उप्र, बिहार, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के बड़े शहरों में सक्रिय मामलों की हिस्सेदारी महज 16-28 फीसद के बीच है।

 

चिंता की बात यही है कि इन इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं की सघनता बहुत कम हैं। लिहाजा यह प्रवृत्ति ज्यादा घातक है।