ICICI बैंक धोखाधड़ी: ED ने दाखिल किया चार्जशीट, बड़ा खुलासा!

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प्रवर्तन निदेशालय ने आईसीआईसीआई बैंक रिश्वत केस मामले में बीते महीने चार्जशीट दायर की जिसमें कहा गया है कि आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने अपने ड्राइवर, माली, ऑफिस बॉय और अन्य जूनियर कर्मचारियों को कंपनी के डमी डायरेक्टर बनाया हुआ था।

 

इन कर्मचारियों का स्टेटमें चार्जशीट का हिस्सा है, जिन्हें ईडी ने दर्ज किया है। उनमें से कुछ ने दावा किया है कि उन्होंने कभी उन कंपनियों के बारे में भी नहीं सुना, जिनमें उन्हें निदेशक बनाया गया। एचटी ने चार्जशीटी देखी है जो 3 नवंबर को फाइल की गई है।

 

ईडी की चार्जशीट में कहा गया है कि 1994 से अहमदनगर में धूत के बंगले में क्लीनर के रूप में काम करने वाले केशरमल नैनसुखलाल गांधी इंडियन रेफ्रीजिरेटर कंपनी लिमिटेड (IRCL) में निदेशक थे। उन्होंने ईडी को बताया कि वह न तो आईआरसीएल कंपनी के बारे में जानते थे और न ही आईआरसीएल और अन्य में उनके निदेशक के बारे में जानते थे।

 

वह कंपनी द्वारा किए गए लेनदेन के बारे में भी अनजान थे। गांधी ने ईडी को बताया कि वह धूत के निर्देश पर दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करते थे और कंपनी की किसी भी बोर्ड बैठक में शामिल नहीं हुए हैं।

एक अन्य कर्मचारी लक्ष्मीकांत सुधाकर कटोरे जिन्होंने 2001 से 2016 तक मेसर्स वीडियोकॉन इंटरनेशनल में माली के रूप में काम किया, उन्होंने ईडी को बताया कि वह विभिन्न कंपनियों में उनके निदेशक पद और रियल क्लीनटेक प्राइवेट लिमिटेड में 50% की हिस्सेदारी के बारे में अनजान थे। कटोरे को कंपनी से केवल 10,000 रुपये महीना वेतन मिलता था।

 

वीडियोकॉन का एडमिनिस्ट्रेशन, बैंकिंग, आयकर और सेवा कर रिटर्न दाखिल करने का काम करने वाले वसंत शेषराव काकड़े वीडियोकॉन समूह की 100 से अधिक कंपनियों में निदेशक बनाया गया है।

 

वह ग्रुप के साथ 1098 से जुड़े हुए हैं। वह 2008 से 2011 तक सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एसईपीएल) के निदेशक भी रहे, लेकिन उन्होंने हस्ताक्षर करने से पहले कभी कोई दस्तावेज नहीं देखा।

 

दीपक कोचर ने भी ऐसे लोगों को भी नियुक्त किया, जिनका निदेशक के रूप में उनकी कंपनियों के कारोबार से कोई लेना-देना नहीं था।

 

साभार- एम डॉट हिन्दुस्तान डॉट कॉम