प्लाज्मा थेरेपी को लेकर बड़ा फैसला, ICMR के निगरानी में होगा ट्रायल!

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मरीजों के इलाज के लिए कई देशों में प्लाज्मा थैरेपी के ट्रायल चल रहे हैं। इसी कड़ी में देश में भी कुछ जगहों पर इसका इस्तेमाल किए जाने के लिए ट्रायल शुरू किए गए थे।

 

पत्ररिका पर छपी खबर के अनुसार, दिल्ली में भी कोरोना के गंभीर मरीजों पर यह ट्रायल शुरू किया गया था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद दावा किया था कि दिल्ली के LNJP अस्पताल में प्लाज्मा थैरेपी के ट्रायल किए जा रहे हैं और मरीज ठीक भी हुए हैं।

 

अब इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कोरोना के खिलाफ प्लाज्मा थेरेपी के फेज-2 का क्लीनिकल ट्रायल लॉन्च किया है। इसके लिए आईसीएमआर (ICMR) ने देश के 21 अस्पतालों को चुना है।

 

https://youtu.be/hk3bxlWiYV0

 

हैरान करने वाली बात यह है कि इस लिस्ट में दिल्ली के एक भी अस्पताल का नाम नहीं है। जबकि एम्स सहित 8 अस्पतालों ने इसके लिए आवेदन किया था।

 

बता दें, दुनिया के कई देशों में इस थैरेपी को लेकर अलग-अलग राय है। अभी यह ट्रायल के स्तर पर है। रैंडमाइज्ड कंट्रोल ट्रायल COVID-19 के गंभीर मरीजों पर किया जाएगा, जिसका उद्देश्य इस थेरेपी की सुरक्षा और प्रभाव का पता लगाना है।

 

कोरोना के सीवियर मरीजों में प्लाज्मा थेरेपी के ट्रायल को मंजूरी मिल चुकी है। इसलिए ICMR ने देश के 10 राज्यों के 21 अस्पतालों में इसके ट्रायल का निर्णय लिया है। जिसे क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्री ऑफ इंडिया (CTRI) में रजिस्टर कर लिया गया है।

 

फिलहाल 452 संक्रमित मरीजों पर ट्रायल किया जाएगा। ICMR के मुताबिक- इस ट्रायल के लिए दिल्ली एम्स सहित देश के 111 चिकित्सीय संस्थानों से ने अप्लाई किया था, लेकिन फिलहाल 21 अस्पतालों को ही मंजूरी मिल सकी है।

 

हालांकि, इन अस्पतालों को अभी और समय दिया गया है। जैसे ही 400 मरीजों का रिजस्ट्रेशन पूरा हो जाएगा। उसके बाद अस्पतालों की संख्या नहीं बढ़ाई जाएगी।

 

अस्पपतालों की सूची के मताबिक- इस ट्रायल में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र के 5 अस्पताल, गुजरात के 4, मध्यप्रदेश के 2, राजस्थान के 2, यूपी के 2, तमिलनाडु के 2, पंजाब का एक, कर्नाटक का एक, तेलंगना का एक और चंडीगढ़ का एक अस्पताल शामिल है।

 

स्वास्थ्य मंत्रालय का मानना है कि प्लाज्मा थेरेपी के लिए बेहद सटीक ट्रायलों की जरूरत है। इसलिए ICMR के वैज्ञानिकों को इसकी निगरानी पर लगाया गया है।

 

एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि देश में कई अस्पतालों को निजी तौर पर प्लाज्मा थेरेपी के ट्रायल की मंजूरी मिली थी। लेकिन इसके नतीजे विरोधाभासी आए थे। यही कारण है कि अब ICMR के वैज्ञानिक इन ट्रायल्स की निगरानी करेंगे।

 

जानकारी के अनुसार- दिल्ली के मैक्स अस्पताल में एक मरीज पर इस थैरेपी का इस्तेमाल किया गया था। वे स्वस्थ हो गया था। अपोलो अस्पताल में भी एक मरीज पर इसका ट्रायल किया गया था।

 

एलएनजेपी अस्पताल में भी प्लाज्मा थैरेपी से एक मरीज स्वस्थ हो चुका है। यहां एक और ट्रायल किया गया था, लेकिन उसके नतीजे अभी नहीं आए हैं।