ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल किया कि यदि बाबरी मस्जिद अवैध थी, तो इसे ढहाने को लेकर लालकृष्ण आडवाणी पर मुकदमा क्यों चल रहा है और अगर यह वैध थी, तो आडवाणी को जमीन क्यों दी जा रही है?
#AyodhyaVerdict | AIMIM president @asadowaisi slammed those criticising him for not accepting the judgment, saying he has a democratic right to oppose it.https://t.co/XCBYRM2CJH
— IndiaToday (@IndiaToday) November 10, 2019
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, हैदराबाद के सांसद ने इस बात पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि जिस इंसान ने किसी का घर गिराया, उसे कैसे वही घर दिया जा सकता है।
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मिलाद-उन-नबी की पूर्व संध्या पर शुक्रवार रात यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में खामियां बताईं और अपनी बात दोहराई कि सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च है लेकिन अचूक नहीं।
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उन्होंने पूछा, यदि एक व्यक्ति आपका घर गिरा देता है और आप पंच के पास जाते हैं और वह आपका घर उसी व्यक्ति को दे देता है, जिसने आपका घर गिराया और कहता है कि इसके बदले आपको दूसरी जगह जमीन दी जाएगी तो आपको कैसा लगेगा?
ओवैसी ने कहा कि उनका मूल सवाल यह है कि यदि बाबरी मस्जिद अवैध थी तो मस्जिद को ध्वस्त करने वाले आडवाणी और अन्य लोगों पर मामला क्यों चल रहा है?
ओवैसी ने उन लोगों पर भी निशाना साधा जो मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का विरोध करने को लेकर उनकी आलोचना कर रहे हैं। हैदराबाद के सांसद ने कहा कि यह उनका संवैधानिक अधिकार है कि वे इसका विरोध करें।
उन्होंने यह भी कहा कि अन्य स्थान पर 5 एकड़ जमीन देने की बात मुस्लिमों का अपमान है। उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद हमारा कानूनी अधिकार है। हम जमीन के लिए नहीं लड़ रहे थे। हमें दान नहीं चाहिए। हमें भिखारी मत समझिए।
हम भारत के सम्मानित नागरिक हैं। ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि 80 साल की उम्र में भी राजीव धवन ने अदालत में एक साथ घंटों बहस की।
उन्होंने कहा, राजीव धवन साहब का शुक्रिया अदा करने के लिए हमारे पास शब्द नहीं हैं। तथ्य यह है कि उन्होंने इस मामले को लिया और परीक्षा की इस घड़ी में लडऩा अपने आपमें एक बड़ी बात है। सांसद ने कहा कि कपिल सिब्बल ने भी मामले में अपना योगदान दिया, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने उन्हें केस लडऩे से रोक दिया।