पी चिदंबरम ने कहा है कि यदि बांग्लादेश को आश्वासन दिया गया है कि NRC प्रक्रिया उसे प्रभावित नहीं करेगी, तो इन 19 लाख लोगों का क्या किया जाएगा
I have asked my family to tweet on my behalf the following :
If NRC is a 'legal process', how will the legal process deal with the 19 lakh persons who have been declared non-citizens?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) October 7, 2019
आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तार किए गए पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता पी चिदंबरम ने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
If NRC won’t affect Bangladesh, how will India deal with 19 lakh ‘non-citizens’, asks P Chidambaram https://t.co/TUGSbeEKf6 pic.twitter.com/a3FbkyRwB2
— Scroll.in (@scroll_in) October 7, 2019
पी चिदंबरम की तरफ से किए गए ट्वीट में कहा गया कि यदि एनआरसी एक कानूनी प्रक्रिया है, तो गैर-नागरिक घोषित किए गए 19 लाख लोगों के साथ कानून प्रक्रिया किस तरह अपनाई जाएगी।
न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि यदि बांग्लादेश को आश्वासन दिया गया है कि NRC प्रक्रिया उसे प्रभावित नहीं करेगी, तो इन 19 लाख लोगों का क्या किया जाएगा।
कब तक ये 19 लाख लोग अनिश्चितता, चिंता और नागरिक व मानवाधिकारों के बगैर रहेंगे। चिदंबरम ने आगे कहा कि यदि हम महात्मा गांधी के मानवतावाद का जश्न मना रहे हैं तो हमें इन प्रश्नों का भी उत्तर देना चाहिए।
आपको बता दें कि सरकार ने NRC सूची से बाहर हुए लोगों के लिए भी प्रावधान कर रखा है, जिसके तहत जिन लोगों का नाम NRC की इस फाइनल लिस्ट में नहीं है वे फॉरेन ट्रिब्यूनल में अपील कर सकते हैं।
हालांकि, 120 दिनों के भीतर यह काम करना होगा। वर्तमान में असम में 100 ट्रिब्यूनल कार्य कर रहे हैं। इसके आलावा ये लोग फॉरेन ट्राइब्यूनल से उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय तक वे एनआरसी में जगह न मिलने पर अपील कर सकेंगे।