ईरान से अमेरिका ने ज़ंग लड़ी तो छिड़ सकता है तीसरा विश्वयुद्ध!

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सऊदी अरब के तेल ठिकानों पर हमले के बाद अमेरिका और ईरान एक बार फिर से आमने-सामने आ गए हैं, जिसके चलते खाड़ी क्षेत्र में तनाव गहरा गया है।

अमेरिका ने सऊदी अरब की सबसे बड़ी तेल कंपनी अरैमको के ठिकानों पर ड्रोन हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है। इस पूरे प्रकरण पर राष्ट्रपति ट्रंप ने बेहद कड़ी प्रतिक्रिया देते सऊदी अरब का साथ देने की बात कही है।

इससे पहले जून में ट्रंप ने ईरान पर हमले की योजना को टाल दिया था। तब ईरान ने अमेरिकी ड्रोन को मार गिराया था। ऐसे में इस बात का डर बढ़ गया है कि ये ज़ुबानी जंग अगर युद्ध में बदल गई तो क्या होगा? पूरे

जागरण डॉट कॉम के अनुसार, अगर अमेरिका और उसके सहयोगी देश ईरान पर हमला करते हैं तो हो सकता है कि वो एक तरह का हाइब्रिड युद्ध छेड़ (छद्म युद्ध) दे। मतलब वो छोटे-मोटे हमलों के साथसाथ जहाजों और दूसरी जगहों पर बड़े हमले करने लगे। साथ ही तेल के दाम बढ़ा दे। शायद इससे भी आगे की जवाबी कार्रवाई करे। इनमें से कुछ भी हो सकता है।

रूस का अमेरिका को यह कहना है कि युद्ध की स्थिति में वह ईरान के साथ है, अपने आप में तीसरे विश्व युद्ध की आहट है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ईरान के करीबी माने जाते हैं।

ईरान और अमेरिका के बीच जारी तनाव में कई बार रूस ने ईरान का साथ दिया है। मॉस्को कई बार अमेरिका को बता चुका है कि यदि वॉशिंगटन किसी भी तरीके से क्षेत्र में हिंसा को बढ़ावा देगा तो इसकी भरपाई करना मुश्किल होगा। यही नहीं यदि दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ता है तो रूस सहित अरब खाड़ी के सभी देश इस युद्ध का हिस्सा होंगे।

अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौता टूटने के बाद से ही तनाव बना हुआ है। ईरान द्वारा परमाणु समझौता खत्म होने के बाद अमेरिका ने दोबारा ईरान पर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं। वहीं, पिछले सप्ताह ओमान की खाड़ी में तेल टैंकरों पर हुए हमलों के बाद से खाड़ी क्षेत्र में सैन्य टकराव का खतरा और भी बढ़ गया था।