पाकिस्तान में इनदिनों प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्तीफे की अटकलें लगातार लगाई जा रही हैं। बालाकोट एयरस्ट्राइक से लेकर बदहाल अर्थव्यवस्था और कश्मीर मुद्दे पर इमरान खान सरकार बुरी तरह घिर चुकी है।
जागरण डॉट कॉम के अनुसार, पाकिस्तान में विपक्ष भी इमरान पर लगाताक हमलावर रुख अख्तियार किए हुए है। इस बीच इमरान खान ने एक बयान जारी कर कहा है कि प्रधानमंत्री इमरान खान किसी भी परिस्थिति में प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा नहीं देंगे।
सरकार की ओर से शनिवार को ये बयान तब सामने आया जह विपक्षी दलों ने सरकार से किसी भी तरह की बातचीत से साफ इनकार करते हुए आजादी मार्च निकालने की बात कही।
विपक्ष ने इमरान खान सरकार पर किसी भी वादे को पूरा नहीं कर पाने की बात कही। विपक्षी दलों ने देश में वास्तविक लोकतंत्र को बहाल करने का आह्वान किया और प्रधानमंत्री से इस्तीफा देने को कहा गया।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने रक्षा मंत्री परवेज खट्टक के हवाले से कहा। उन्होंने एक विपक्षी दलों के साथ बातचीत करने के लिए बनाई गई सरकारी समिति के प्रमुख ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “प्रधानमंत्री इमरान खान किसी भी परिस्थिति में इस्तीफा नहीं देंगे।’
पाक मंत्री ने आगे कहा, ‘विपक्षी दलों की मांग (प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्तीफे के लिए) स्वीकार करना असंभव है और वह केवल सरकार को डराना चाहते हैं, लेकिन हम कार्रवाई करेंगे कि वे अपने रुख पर अड़े रहें।’
खट्टक के साथ शिक्षा मंत्री शफाकत महमूद भी थे, जो विपक्षी दलों के साथ बातचीत करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री द्वारा गठित की गई समिति के सदस्य हैं।
सरकार का यह बयान तब आया है जब जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फ़ज़ल (JUI-F) के प्रमुख मौलाना फ़ज़लुर रहमान ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान द्वारा समर्थित अपने 31 अक्टूबर के सरकार विरोधी मार्च को बंद करने से इनकार कर दिया था। पीपल्स पार्टी (पीपीपी), प्रधानमंत्री के इस्तीफे तक।