2020 में भारत ने सभी चुनौतियों को पूरा करने की क्षमता दिखाई, चाहे वह कोरोनावायरस से हो या सीमाओं से जुड़ी- पीएम मोदी

, ,

   

दिल्ली के करियप्पा ग्राउंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की रैली को संबोधित करते हुए कहा कि बीते साल भारत ने दिखाया है कि वायरस हो या बॉर्डर की चुनौती, वह अपनी रक्षा के लिए पूरी मजबूती से हर कदम उठाने में सक्षम है।

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, वैक्सीन का सुरक्षा कवच हो या फिर भारत को चुनौती देने वालों के इरादों को आधुनिक मिसाइल से ध्वस्त करना, भारत हर मोर्चे पर समर्थ है।

उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि बाढ़ से लेकर किसी भी अन्य प्राकृतिक आपदाओं के दौरान एनसीसी कैडेटों ने भारत के लोगों की मदद की है।

पीएम मोदी ने रैली को आगे संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना के पूरे कालखंड में लाखों लाख कैडेट्स ने देश भर में जिस प्रकार प्रशासन, समाज के साथ मिलकर काम किया है वो प्रशंसनीय है।

हमारे संविधान में जिन नागरिक कर्तव्यों की बात कही गई है, वो निभाना सभी का दायित्व है। उन्होंने यह भी कहा कि आप सभी एनसीसी के युवा साथियों के बीच जितने भी पल बिताने का मौका मिलता है, वो बहुत सुखद अनुभव देता है।

आज के कार्यक्रम देखकर सिर्फ मुझे ही नहीं, हर किसी को गर्व महसूस होता होगा। आपने 26 जनवरी की परेड में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है।

पीएम मोदी ने कहा कि शौर्य और सेवा भाव भारतीय परंपरा को जहां बढ़ाया जा रहा है, वहां एनसीसी कैडेट नजर आता है। जहां संविधान के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने का अभियान चल रहा है वहां भी एनसीसी कैडेट दिखते हैं।

पर्यावरण, जल संरक्षण या स्वच्छता से जुड़ा कोई अभियान हो वहां एनसीसी के कैडेट जरूर नज़र आते हैं।

ये वर्ष एक कैडेट के रूप में, भारतीय नागरिक के रूप में नए संकल्प लेने का वर्ष है। देश के लिए संकल्प लेने का वर्ष है, देश के लिए नए सपने लेकर चल पड़ने का वर्ष है।

पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने एनसीसी की भूमिका को व्यापक बनाने की कोशिश की है। सीमा और तटीय क्षेत्रों में सुरक्षा नेटवर्क को मजबूत करने के लिए एनसीसी की भागीदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है।

पिछले साल 15 अगस्त को यह घोषणा की गई थी कि तटीय और सीमावर्ती क्षेत्रों के लगभग 175 जिलों में एनसीसी को नई ज़िम्मेदारियां दी जाएंगी।

इसके लिए सेना, नौसेना और वायु सेना द्वारा एक लाख एनसीसी कैडेटों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इनमें से एक तिहाई कैडेट लड़कियां हैं।