केंद्र में जब से नरेंद्र मोदी सरकार आई है, तब से मुकेश अंबानी की संपत्ति में काफी इजाफा हुआ है। तमाम आंकड़े भी इस बात को साफ करते हैं। रिलायंस जियो जो मौजूदा समय में दुनिया की टॉप टेलीकॉम कंपनी चुकी है, वो भी मोदी सरकार में अस्तित्व में आई है।
लेकिन इस बार मुकेश अंबानी और उनके परिवार के लिए अच्छी खबर नहीं है। मोदी राज में पहली बार ऐसा हुआ है जब मुकेश अंबानी और उनके परिवार को सरकारी एजेंसी की ओर से बड़ा झटका लगा है।
The Income Tax Department has reportedly served notices to Mukesh and Nita Ambani and their three children – Anant, Akash and Isha Ambani – under provisions of the 2015 Black Money Act. https://t.co/Vj5w3XWMpp
— The Quint (@TheQuint) September 14, 2019
वास्तव में विदेशों में रुपया एवं संपत्ति छुपाने को लेकर मुकेश परिवार के पास इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से नोटिस आया है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है।
आयकर विभाग की मुंबई यूनिट की ओर से देश के सबसे कारोबारी मुकेश अंबानी के फैमिली मेंबर्स को 2015 ब्लैक मनी एक्ट के तहत नोटिस जारी किया है।
डिपार्टमेंट की ओर से की गई यह कार्रवाई कई देशों की एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर की है। डिपार्टमेंट की ओर यह नोटिस कांफिडेंशियली 28 मार्च 2019 को भेजे गए थे।
यह नोटिस मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी और उनके तीनों बच्चों ईशा अंबानी, आकाश अंबानी और अनंत अंबानी को भेजे गए हैं। आयकर विभाग के नोटिस के अनुसार मुकेश अंबानी के परिवार पर कथित तौर पर ‘विदेश में अघोषित विदेशी आय और संपत्ति रखनेÓ का आरोप है।
आपको बता दें कि डिपार्टमेंट ने 2011 में जिनेवा के एचएसबीसी बैंक में खाता रखने वाले करीब 700 भारतीय नागरिकों और कंपनियों की जानकारी मिलने के बाद अपनी जांच शुरू कर दी थी।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार फरवरी 2015 में स्विस लीक्स नाम की इंवेस्टीगेशन में एचएसबीसी बैंक में खाताधारकों की संख्या बढ़कर 1195 होने की बात सामने आई थी।
वहीं रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कैसे ‘टैक्स हेवनÓ समझे जाने वाले देशों में खुली ऑफशोर कंपनियों का ॥स्क्चष्ट जिनेवा बैंक के 14 खातों से संबंध था। इन सभी कंपनियों का रिलायंस ग्रुप से संबंध होने की भी बात सामने आई थी। इन 14 खातों में 601 मिलियन डॉलर की रकम जमा थी।
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4 फरवरी 2019 की इनकम टैक्स डिपार्टमें की इंवेस्टीगेशन रिपोर्ट और उसके बाद 28 मार्च 2019 को भेजे गए नोटिस से जानकारी के अनुसार इन 14 कंपनियों में से एक कैपिटल इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट के लाभांवितों के तौर पर अंबानी परिवार के सदस्यों के नाम हैं।
डिपार्टमेंट के भेजे नोटिस को लेकर पूछे गए सवालों को रिलायंस के प्रवक्ता ने पूरी तरह से नकार दिया है। प्रवक्ता ने इंडियन एक्सप्रेस को जवाब में कहा है कि उन्हें ऐसा कोई नोटिस भी नहीं मिला है।
वहीं मीडिया संस्थान की रिपोर्ट के अनुसार सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज और मुंबई यूनिट के अफसरों की लंबी बातचीत के बाद नोटिस भेजे गए। नोटिस सेंट करने के पहले फाइनल क्लियरेंस भी दी गई। नोटिस मुंबई के एडिशनल कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स 3(3) के ऑफिस से सेंट किए गए।