दिल्ली का बॉस कौन- केजरीवाल ने SC के फैसले पर सवाल उठाया

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दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उच्चतम न्यायालय का फैसला स्पष्ट नहीं है। दिल्ली का बॉस कौन है इस मामले पर सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने कई बड़ी शक्तियां एलजी को सौंप दी हैं जिसके बाद आम आदमी पार्टी और उसके मुखिया व दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं संबित पात्रा ने केजरीवाल की प्रेस कांफ्रेंस के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस कर केजरीवाल को अराजक करार देते हुए उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना करने के लिए अदालत में केस दायर करने की बात कही।

सीएम केजरीवाल ने इस बारे में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 6 में से 4 मुद्दों पर उपराज्यपाल के पक्ष में फैसला दिया है। अगर एक सरकार अपने अधिकारियों का ट्रांसफर नहीं कर सकती तो यह सरकार कैसे चलेगी? वो पार्टी जिसने 67 सीटें जीती उसके पास कोई अधिकार नहीं हैं लेकिन जिसने 3 सीटें जीतीं उन्हें सभी अधिकार मिल गए।

क्या मोदी जी की मर्जी के बिना कोर्ट नहीं देता फैसला, SC है या नायब तहसीलदारः संजय सिंह
वहीं आप सांसद संजय सिंह ने खुलेतौर पर कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाए हैं और ट्वीट किया, ‘क्या मोदी जी की मर्ज़ी के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट निर्णय नहीं देता? राफ़ेल में खुला भ्रष्टाचार हुआ केन्द्र सरकार ने SC में झूठ बोला पर SC ख़ामोश ? CBI पर SC ने निर्णय दिया या मज़ाक़ किया? दिल्ली की करोड़ों जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया सुप्रीम कोर्ट है या नायब तहसीलदार कोर्ट?’

केजरीवाल ने क्या कहा
ट्रांसफर न करें तो सरकार कैसे चलेगी
कोर्ट के फैसले में सारी शक्तियां विपक्षी पार्टियों को दी गई है
40 साल से ट्रांसफर की शक्ति दिल्ली सरकार के पास थी तो
कोर्ट का फैसला जनतंत्र और संविधान के खिलाफ
दिल्ली को मिले पूर्णराज्य का दर्जा

संबित पात्रा ने प्रेस कांफ्रेंस में कही ये बात
केजरीवाल अराजक रहे हैं, संविधान को ताक पर रख कर खिलवाड़ करते रहे हैं
ट्रांसफर पोस्टिंग से लेकर तमाम फैसलों पर वह हमेशा अपनी करते रहे हैं
ये फैसला केजरीवाल की करारी हार है
केजरीवाल की हाईकोर्ट में हार हो चुकी है
केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस नहीं सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की है
जिस प्रकार की भाषा का प्रयोग किया उन्होंने किया वह कोर्ट की अवमानना है
आप जिन्हें(राहुल गांधी और अन्य नेता) पहले चोर कह रहे थे अब उनके साथ लोकतंत्र बचाने की बात कर रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट के जजों पर प्रहार कर रहे हैं, उस पर धिक्कार है
आप ये कहकर कि चाबी जनता के पास है, जनता को उकसा रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट पर हमला कर दो
आप कहते हैं कि आपने शानदार काम किया स्कूल खोले, मोहल्ला क्लिनिक खोला तो जब केंद्र ने आपको काम करने नहीं दिया फिर कैसे शानदार काम किया?
हम केजरीवाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करने के लिए केस करेंगे
कहां है ममता बनर्जी, कहां हैं राहुल गांधी जो कहते हैं कि लोकतंत्र बचाना, केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट पर हमला कर रहे हैं कहां है वो सब?