बाबरी मस्जिद- राम जन्मभूमि विवाद: इस जज ने सुनवाई से खुद को अलग

   

राम मंदिर मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज पांच जजों की संविधान पीठ ने सुनवाई शुरू की। इस मामले में कोर्ट ने आज सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि आज सिर्फ समय सीमा तय की जाएगी। कोर्ट में सुनवाई के पहले दिन ही मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने संविधान पीठ पर ही सवाल उठा दिया।

राजीव धवन ने पांच जजों की बेंच में शामिल जस्टिस उदय यू ललित पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जस्टिस यूयू ललित एक पक्ष की तरफ से 1994 में वकील के रूप में कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत हो चुके हैं।

आपको बता दें कि 1994 में जस्टिस यूयू ललित यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के लिए वकील रह चुके हैं।

वह इस मामले से इस लिए जुड़ जाते हैं। क्योंकि जिस समय कल्याण सिंह मुख्यमंत्री थे तभी बाबरी ढांचे को गिराया गया था। कोर्ट ने राजीव धवन की टिप्पणी को गंभीरता से लिया। और वापस सवाल किया कि वह मामला तो क्रिमिनल केस था। फिर यह सवाल क्यों?

जिसके बाद राजीव धवन ने कोर्ट से माफी मांगी। लेकिन फिर भी पांचों जज ने इस मामले पर आपस में बातचीत की। जस्टिस यूयू ललित ने खुद को इस मामले से अलग कर लिया। कोर्ट ने कहा है कि 29 जनवरी को इस मामले में नई बेंच का गठन किया जाएगा। मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने यह भी कहा कि अभी कई दस्तावेज हैं जिनका अनुवाद नहीं हो सका है।