कोर्ट के फैसले में कुरआन की प्रतिलिपि बांटने पर ऋचा के परिवार ने जताई आपत्ति !

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रांची: सोशल साइट फेसबुक पर धर्म विशेष पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में गिरफ्तार ऋचा पटेल को रांची सिविल कोर्ट से जमानत मिल गई है. जेल से बाहर आने के बाद ऋचा के परिवार वालों की खुशी देखते ही बनी. ऋचा ने मंदिर में जाकर पूजा भी की लेकिन शर्त पर आपत्ति जताई.

फैसले के खिलाफ ऋचा के परिवार वाले ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे. जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद ऋचा पटेल उर्फ ऋचा भारती ने मंदिर में जाकर प्रार्थना की और लोगों के बीच प्रसाद भी बांटी. ऋचा भारती अदालत के फैसले पर कहा कि मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है लेकिन यह फैसला थोड़ा अटपटा है. उन्होंने कहा कि फेसबुक उन्होंने कुछ गलत पोस्ट नहीं किया है।

ऋचा ने कहा कि गीता और कुरान एक हैं लेकिन जिस तरह की शर्त रखी गई है यह थोड़ा गलत लगा. ऋचा भारती के इस फैसले पर उसके परिवारवालों ने कहा कि वे अपनी बेटी के साथ हैं. गीता कुरान एक हैं और उनका किसी भी धर्म को आहत पहुंचाने का इरादा नहीं है. ऋचा के पिता प्रकाश पटेल ने कहा कि अभी हमारे संगठन के लोगों से बात हो रही है जिस तरह से निर्णय होगा इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा.

सोमवार को न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की अदालत ने कुरान की 5 प्रतिलिपि बांटने के शर्त पर ऋचा भारती को जमानत की सुविधा प्रदान की है. इसके साथ ही अदालत ने कहा है कि पिठोरिया थाना प्रभारी के संरक्षण में ऋचा भारती उर्फ ऋचा पटेल को कुरान की एक प्रतिलिपि पिठोरिया अंजुमन इस्लामिया के सदर मंसूर खलीफा को देनी होगी. 15 दिनों के अंदर कुरान की चार प्रतिलिपि रांची के विभिन्न पुस्तकालयों में जमा करने की शर्त रखी है.