ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के वंशज की मांग, अजमेर दरगाह आने से रोके जाएं पाकिस्तान के लोग

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पुलवामा में आतंकी हमले में 40 जवानों की शहादत से पूरा देश स्तब्ध और दुखी है. भारत सरकार ने हमला करने वालों को बड़ा जवाब देने की बात कही है. दुनिया के कई देश घटना की निंदा कर रहे हैं. वहीं, अजमेर दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने आतंकियों के कृत्य को गैर इस्लामी करार दिया है. पुलवामा आतंकी हमले की पुरजोर निंदा करने के साथ ही उन्होंने कहा कि अजमेर में आगामी उर्स में पाक जत्थे का आने की अनुमति नहीं दी जाए. पाक जत्थे को भारत के साथ ही अजमेर दरगाह पर आने से भी रोका जाए.

सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के वंशज अली खान ने शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने मांग की कि पाकिस्तान से राजनयिक संबंध समाप्त किए जाने की मांग भी की. उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि अजमेर में उर्स सहित आगामी धार्मिक आयोजन में पाक जत्थे को आने की इजाजत नहीं दी जाए. उन्होने कहा कि बेगुनाहों को कायरतापूर्ण तरीके से हमला करके जान माल को नुकसान पहुचाना इस्लाम के मौलिक सिद्धांतों का उलंघन है.

गौरतलब है कि पुलवामा में बृहस्पतिवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी, जिसमें कम से कम 40 जवान शहीद हो गए जबकि कई गंभीर रूप से घायल हुए हैं. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकवादी हमले पर पड़ोसी देश पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आतंकी संगठन और उनके सरपरस्त बहुत बड़ी गलती कर गए हैं और इसके गुनाहगारों को उनके किये की सजा जरूर मिलेगी और उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.