शाहिन बाग पर हबीबुल्लाह की रिपोर्ट- ‘अफरा-तफरी के लिए दिल्ली पुलिस जिम्मेदार’

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पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह ने करीब 70 दिन से राजधानी के शाहीन बाग इलाके में चल रहे धरना-प्रदर्शन के मामले में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है।

 

 

 

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, उन्होंने धरनास्थल पर हुई अफरा-तफरी के लिए दिल्ली पुलिस को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा।

 

 

 

उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से प्रदर्शनकारियों से बातचीत को लेकर कोई पहल नहीं की गई। पुलिस ने कई गैरजरूरी जगहों को ब्लॉक कर दिया। इससे अव्यवस्था पैदा हो गई।

 

 

 

शाहीन बाग में लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों को वहां से जबरन हटाने के प्रयास से उनकी सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो सकता है।

 

 

 

इस मामले पर 24 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। सर्वोच्च न्यायालय ने संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को शाहीन बाग विरोध को दूसरी जगह स्थानांतरित कराने के लिए वार्ताकार नियुक्त किया है। साथ ही हबीबुल्लाह को उनका सहयोगी नियुक्त किया है।

 

 

 

गौरतलब है कि शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ महिलाएं दो महीने से भी ज्यादा समय से धरने पर बैठी हैं।

 

 

 

उनके हाईवे पर बैठने से दिल्ली को नोएडा से जोडऩे वाले रास्ते पर आवागमन ठप पड़ा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट में इस रूट को खुलवाने के लिए याचिका दायर की गई है।

 

 

 

वार्ताकारों ने लगातार तीन दिन शाहीन बाग जाकर प्रदर्शनकारियों से बात की, लेकिन रास्ता नहीं खुलवाया जा सका। हालांकि उन्होंने शनिवार शाम कालिंदी कुंज 9 नंबर की सडक़ खोल दी थी।