कोरोना वायरस के दौर में जहां अपनों ने ही अपनों से मुंह फेर लिया था, बेटों ने बाप की आखिरी रसूमात से इनकार कर दिया था तब उन लोगों के साथ खड़े रहने वाले आरिफ ने इस दुनिया का अलविदा कह दिया है।
ज़ी हिन्दुस्तान पर छपी खबर के अनुसार, आरिफ खान पॉज़िटिव मरीज़ को अस्पताल पहुंचाने या कोरोना से मर जाने वालों की आखिरी रसूमात को अंजाम दिया करते थे लेकिन अब वो खुद कोरोना से जंग हार गए हैं।
आरिफ खान की इस कुर्बानी को लेकर नायब सद्रे जम्हूरिया वेंकैया नायडू ने भी सलाम किया है।
उन्होंने इतवार के रोज़ ट्वीट करते हुए लिखा कि आरिफ खान की मौत समाज के लिए बड़ा नुकसान है, कोरोना के खिलाफ मुहिम में सुपुर्द योद्धा दिल्ली के आरिफ खान की मौत की खबर से दुखी हूं।
महामारी के दिनों में अपनी एम्बुलेंस से आपने मरने वालों की इज्ज़त के साथ आखिरी रसूमात अंजाम दीं।
ऐसे शहरी की मौत समाज के लिए बड़ा नुकसान है. मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। ईश्वर पुण्यात्मा को आशीर्वाद दें और परिवार वालों को सब्र अता करे।
बता दें कि एम्बुलेंस ड्राइवर आरिफ ने अपनी जान जोखिम में डालकर सैंकड़ों मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाया और 200 से ज्यादा लाशों को आखिरी रसूमात के लिए श्मशान पहुंचाया।
इतना ही नहीं आरिफ ने अंतिम संस्कार के लिए पैसे ना होने पर भी कई परिवारों की मदद की। बताया जा रहा है कि उन्होंने कई ऐसी लाशों का भी संस्कार किया गया, जिनके घर वाले घर पर क्वॉरन्टीन थे।
साभार- ज़ी हिन्दुस्तान