असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है की गृहमंत्री अमित शाह को ऐसे बयान पर शर्म नहीं आती”
असदुद्दीन ओवैसी ने गृहमंत्री अमित शाह के NRC वाले बयान पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि गृह मंत्री जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य होने का दावा करते हैं अगर इसमें सच्चाई है तो जम्मू-कश्मीर में अघोषित आपातकाल जैसी स्थिति क्यों है, संचार व्यवस्था ठप क्यों है?
उन्होंने सोमवार को कहा कि गृह मंत्री अमित शाह का जम्मू कश्मीर के संदर्भ में यह कहना कि पाबंदियां केवल लोगों के दिमाग में है, इत्यादि-इत्यादि सही नहीं है. क्योंकि माकपा नेता सीता राम येचुरी और अन्य को वहां जाने के लिए उच्चतम न्यायालय से गुहार लगानी पड़ी. कश्मीर में अभी भी मोबाइल सेवाएं बहाल नहीं हुई हैं.
The Home Minister is saying clearly that only undocumented Muslims will have to fear NRC, while others will get Indian citizenship@AmitShah I know you are allergic to it, but try reading the Constitution, FOR ONCE. Religion based citizenship is illegal and will be struck down https://t.co/vJTGD3vKry
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 1, 2019
ओवैसी ने संवाददाताओं से कहा कि जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी को अपने राज्य जाने के लिए उच्चतम न्यायालय से अनुमति लेनी पड़ी. इसी प्रकार माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी को अपने पार्टी के बीमार विधायक को देखने जाने के लिए भी उच्चतम न्यायालय जाना पड़ा.
उन्होंने कहा, ‘शाह जो भी कुछ भी कह रहे हैं, सच्चाई बयां नहीं कर रहे हैं.’ ओवैसी ने गृहमंत्री पर सच्चाई न बताने का आरोप लगाते हुए कहा,’ शाह ने संसद में यह कह कर गलत किया कि फारूक अब्दुल्ला स्वतंत्र हैं. बाद में उन्हें पीएसए के तहत हिरासत में ले लिया गया.’ ओवैसी ने आगे कहा, ‘अगर वह सच बोल रहे हैं, तो कश्मीर में अघोषित आपालकाल क्यों हैं? क्यों वहां सेब बेचने वाला सेब नहीं बेचना चाह रहा? वहां स्कूल क्यों नहीं खुल रहे हैं?’
According to the HM, the only people who must fear the NRC are Muslims.@AmitShah I know you’re allergic to it but read the Constitution, FOR ONCE. Religion cannot be the basis of citizenship, it’s unconstitutional & illegal https://t.co/vJTGD3vKry
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 1, 2019
ओवैसी ने कहा कि भारत और संघ एक दूसरे के समानार्थक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि संघ समावेशी विचारधारा में विश्वास नहीं करता है. ये अपने धर्म को दूसरों से बेहतर बताता है. उन्होंने कहा कि संघ भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहता है.