नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश के लगभग सभी राज्यों में विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। वहीं कई राज्यों में इसे लेकर हिंसा भी देखने को मिली।
जिसमें कई लोग गंभीर रुप से घायल भी हुए और कुछ लोगों की मौत भी हुई। इसके साथ ही नागरिकता संशोधन कानून पूरे देश में 10 जनवरी 2020 से लागू हो गया है।
इसी बीच नागरिकता संशोधन कानून को लेकर केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार की भूमिका खत्म कर दी है। साथ ही नागरिकता देने की प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन करने पर केन्द्र सरकार विचार कर रही है।
हरिभूमी पर छपी खबर के अनुसार, ऑनलाइन मिलेगी नागरिकता सरकार ने यह कदम कुछ राज्यों के नागरिकता कानून के प्रति विरोधी रुख को देखते हुए उठाया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक मौजूदा प्रक्रिया के तहत नागरिकता के लिए आवेदन जिलाधिकारी के माध्यम से दिया जाता है।
लेकिन अगर आवेदन करने के काम को ऑन लाइन कर दिया जाएगा। ऐसा करने से जिलाधिकारियों की भूमिका खत्म हो जाएगी।
राज्य सरकारों के पास ऐसी कोई ताकत नहीं वहीं अधिकारियों का मानना है कि राज्य सरकारों के पास ऐसी कोई ताकत नहीं है। जिससे वे नागरिकता कानून को लागू करने से मना करें।
राज्य सरकारें इन पर कानून नहीं बना सकती। उनके कानून बनाने के विषय दूसरे हैं जिनमें भू संपदा, कर संग्रह जैसी बातें शामिल हैं।
कुछ विषयों जैसे कृषि पर दोनों यानी केंद्र व राज्य कानून बना सकते हैं। वहीं केरल, पश्चिम बंगाल और पंजाब सहित कई अन्य राज्यों ने इस कानून को लागू करने से इंकार कर दिया है।